सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा को कांग्रेस हाईकमान बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी में है। सैलजा को कांग्रेस का संगठन महासचिव नियुक्त किया जा सकता है। सैलजा की अगर संगठन महासचिव के पद नियुक्ति होती है तो यह हुड्डा गुट के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है। क्योंकि अभी तक हरियाणा कांग्रेस में हुड्डा गुट का ही बोलबाला था। लेकिन हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद सैलजा गुट लगातार हुड्डा पिता-पुत्र के सिर पर हार का ठीकरा फोड़ रहा है। सैलजा गुट कई नेता सीधा नाम लेकर ही हरियाणा में कांग्रेस की हार के लिए पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा को जिम्मेदार ठहरा रहे है।
संगठन महासचिव का पद कांग्रेस में बहुत बड़ा माना जाता है। अभी तक यह पद केसी वेणुगोपाल संभाल रहे है। सैलजा को संगठन महासचिव नियुक्त किए जाने की चर्चा तब शुरू हुई जब महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव प्रचार को लेकर कांग्रेस ने स्टार प्रचारकों की सूची जारी की। इस सूची पर केसी वेणुगोपाल की जगह कुमारी सैलजा के हस्ताक्षर थे। अगर इस तरह की सूची केसी वेणुगोपाल ही जारी करते थे। लेकिन सैलजा के हस्ताक्षर युक्त इस सूची ने हरियाणा की राजनीति में तहलका मचा दिया है।
कुछ दिन पहले महाराष्ट्र और झारखंड में होने वाले चुनाव को लेकर जारी स्टार प्रचारकों की लिस्ट में हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा का नाम नहीं है। कहीं न कहीं हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली हार की वजह से कांग्रेस हाईकमान ने हुड्डा पिता-पुत्र से किनारा कर लिया है।
हरियाणा से केवल एक की नेता का नाम स्टार प्रचारकों की इस सूची में शामिल किया गया है। वह है राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला। रणदीप सुरजेवाला और सैलजा की आपस में अच्छी बनती है। अकसर दोनों एक-दूसरे के साथ मंच भी सांझा करते दिखाई देते है।
हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद को लेकर भी हुड्डा और सैलजा गुट में छतीस का आंकड़ा है। सैलजा पूर्व सीएम भजन लाल के बेटे व डिप्टी सीएम रह चुके चंद्रमोहन को नेता विपक्ष का पद दिलवाना चाहती है। वहीं हुड्डा खुद या फिर थानेसर से विधायक अशोक अरोड़ा को नेता प्रतिपक्ष बनवाना चाहते है।