नकली नोटों की सप्लाई का अड्डा बना ये जिला, गिरोह को पाकिस्तान से चलाने की आशंका, STF के रडार पर कई सदस्य

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उत्तर प्रदेश का शामली जिला एक बार फिर सुर्खियों में है। यहां एसटीएफ ने इमरान को भारी मात्रा में नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया है। 90 के दशक में जहां शामली जिले में सोना, हथियार और नशीले पदार्थों की तस्करी चरम पर थी वहीं इन दिनों यह जिलो नकली नोटों की सप्लाई का अड्डा बन चुका है। एसटीएफ पहले भी कार्रवाई कर कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

नकली नोटों के साथ इमरान के पकड़े जाने के बाद शामली जिला फिर चर्चा में हैं। 90 के दशक के बाद से गठरी व्यवसाय के बाद जिले के लोगों ने सोना तस्करी, हथियार, नशीले पदार्थों की सप्लाई को कमाई का जरिया बना लिया था। मगर इन तीनों की तस्करी पर पुलिस ओर सुरक्षा एजेंसियों ने शिकंजा कसा तो शामली जिले के गिरोह के सदस्यों ने नकली नोटों को ही कमाई का जरिया बना लिया है। अब हथियारों से ज्यादा नोटों की खेप खपाई जा रही है।

शक न हो इसलिए अब 500 नहीं सिर्फ 50 और 100 के नोट खपा रहे गिरोह के सदस्य
एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि शामली का गिरोह अब 50 नहीं 50 और 100 के नकली नोटों को खपा रहा है। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि 500 के नोटों के पकड़े जाने का डर रहता है। जबकि 50 और 100 के नोटों पर कोई शक भी नहीं करता है। जिसके कारण वह अधिकतर 50 और 100 के नोट भी खपा रहे थे। इमरान वर्ष 2000 के बाद से नकली नोटों के धंधे में लगा हुआ है।

पंजाब पुलिस से भी सहयोग मांगेगी शामली पुलिस
इमरान का एक चचेरा भाई पंजाब के जालंधर से हथियार तस्करी मामले में फरार चल रहा है। एसपी अभिषेक का कहना है कि इस मामले में जल्द ही पंजाब पुलिस से भी आरोपियों के संबंध में सहयोग मांगा जाएगा।

नेपाल, पाकिस्तान में तो नहीं ली ट्रेनिंग, जांच शुरू
नकली नोटों को खपाने वाले गिरोह के सदस्यों ने नकली नोटों को छापने की ट्रेनिंग नेपाल या फिर पाकिस्तान में तो नहीं ली है। इसकी जांच पुलिस और एसटीएफ ने शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि पूर्व में या तो गिरोह के सदस्यों ने ट्रेनिंग ली या फिर पाकिस्तान या फिर नेपाल आदि के रास्ते नकली नोटों की खेप भारत के विभिन्न स्थानों पर पहुंचाई जा रही है।

नेपाल और पाकिस्तान से पूर्व में पकड़े गए आरोपियों का मिल चुका कनेक्शन
मेरठ पुलिस ने पिछले दिनों ही नकली नोटों के मामले में फरवरी में आफताब को पकड़ा था। उसका जीजा शाहिद कैराना का रहने वाला था। शाहिद के नेपाल में आने जाने और पाकिस्तान से कनेक्शन होने की बात अधिकारियों की जांच में सामने आई थी। इसके अलावा कुछ समय पूर्व ही ताजिम और इरशाद को भी पुलिस ने पकड़ा था।गिरोह द्वारा हथियारों की तस्करी के बाद नकली नोटों की सप्लाई की बात सामने आई थी। इसके अलावा चार माह पूर्व ही कैराना का युवक हथियार के साथ अटारी बार्डर पर पकड़ा गया था। कैराना के अनीस को भी नकली नोटों के मामले में वर्ष 2023 में सजा हो चुकी है। इसके अलावा अब शामली के इमरान और उसके परिवार के सदस्यों के नकली नोटों के साथ साथ हथियारों की सप्लाई करने की बात भी सामने आई हैं।

इन्होंने कहा
नकली नोटों को खपाने वाले गिरोह के संबंध में कई अहम जानकारियां हाथ लगी है। जल्द ही गिरोह के फरार सदस्यों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। एसटीएफ के साथ संयुक्त आपरेशन चलाकर कार्रवाई की जा रही है।  -अभिषेक, एसपी शामली

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