प्रशांत सेमवाल के भ्र्ष्टाचार का एक और बड़ा कारनामा,इतने सारे खुलासो के बाद भी सभी अधिकारी मौन ?

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ब्यूरो रिपोर्ट
देहरादून के सबसे भ्रष्ट विभाग मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण में इन दिनों नियमों को ताक पर रख कर जलनिगम से आकर डेपुटेशन पर कार्य करते हुए नियमो को ताक पर रखकर मर्जिंग करवाकर एई बना भ्र्ष्ट अधिकारी प्रशांत सेमवाल के द्वारा गलत फाईले पास की जा रही है यही नहीं इस मामले में शामिल अधीक्षण अभियंता का भी नाम सामने आ रहा है ऐसा हम नहीं बल्कि सूत्र बता रहे यही जिनकी कृपा से प्रशांत सेमवाल अभी तक गलत कार्यो को अंजाम देकर बचा हुआ है दरसल प्रशांत सेमवाल के द्वारा की गयी हर फाइलों की तकनिकी जांच की जिम्मेदारी अधीक्षण अभियंता की होती है तो इसपर सवाल खड़े हो रहे है की प्रशांत सेमवाल के फाइलों को किस तरह से आँखे मुंद कर पा की गयी है हमने इस मामले को लेकर कुछ विशेषज्ञों से बात की तो चौकाने वाली जानकारी हाथ लगी जानकारी के लिए आपको बता दे की कुछ बडे अधिकारी शामिल है और इंजीनियरं जिन्हे दो नम्बर की मोटी रकम से अपनी जेबो को भरना है और इनकी करतूतों से सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। पड़ताल करने पर हमे ऐसा ही एक मामला मिला जिसका फाईल नम्बर-C-0257/21.22 है जो जन कल्याण न्यास के नाम से है और उसे पास किया गया है। इस फ़ाइल की शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय में की गयी है जिसमे ये बताया गया है की इस फाईल में इंजीनियरों ने सब नियम कानून ओर प्राधिकरण के बाईलोज साईड कर दिए है। फाईल में इतनी कमियॉ है कि इनकी लिस्ट बना दी जाए तो कम होगी। जोनल प्लान में रोड को 18 मीटर किया जाना था जिसके लिए रोड वाईडिंग छोडनी जरूरी थी उसको भी नही छोडा गया यही नही नक्शा पास कराने के लिए अथराजेशन लेटर भी फाईल में नही लिया गया है। पूरी बनी हुई बिल्डिंग को एक्सिस्टिंग दिखा कर नए में पास करा दिया गया। पूराना कोई पास हुआ नक्शा फाईल में नही लगाया गया है। जो नक्शा पास किया गया है। उसमें कोई कंपाउंडिं फीस नही ली गई है। कंपाउंडिंग चार्ज तो छोडिए प्राधिकरण में जो सबडिविजन फीस ली जाती है वो भी नही ली गई और 1500 मीटर से ज्यादा भूमि पर व्यवसायिक निर्माण जोनल प्लान के अनुसार नही किया जा सकता है लेकिन फिर भी इस नक्शें को ऑखे बन्द करके पास कर दिया गया है। फ़ाइल में खामियां इतनी है़ की आप ढूंढ़ नही पाएगेंबड़ा सवाल ये है की इतनी बड़ी लापरवाही पर अधिकारी चैन की नींद कैसे सो रहे है। जहा एक गलत जानकारी देने के लिए सुपरवाइजर को सस्पेंड कर दिया जाता है वही दूसरी तरफ गलत कार्यो को लगातार बढ़ावा देने वाले को अधिकारियों का संरछण मिल रहा है। यही नहीं मामले को लेकर अभी कई बड़े खुलासे होने बाकी है रोजाना एक खुलासे होंगे और देखना ये दिलचप्स होगा की कार्यवाई कब होती है। कल के एपिसोड में पढ़िए एक और बड़ा खुलासा। देखना ये बड़ा दिलचस्प है की आखिर भ्र्ष्ट अधिकारी प्रशांत सेमवाल अधीक्षण अभियंता कब तक बचाते नजर आएंगे साथ ही ईमानदार छवि के वीसी साहब इतने सारे खुलासे के बाद भी सुप्पी साधे बैठे है आखिर क्या मजबूरी है और किसका दबाव है ये सवाल खड़े हो रहे है।

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