वृंदावन: ब्रज के प्रमुख पर्वों में शुमार होली पर्व का उल्लास धर्म नगरी वृंदावन में इन दोनों खूब छाया हुआ है। आपसी भाईचारा और प्रेम के प्रत्येक होली पर्व की खुशी मनाने के लिए ना केवल गृहस्थजन बल्कि अपने घर परिवार से दूर वृंदावन के महिला आश्रम सदनों में रहकर एकाकी जीवन यापन कर रहीं विधवा वृद्धि माताओं में विशेष उत्साह देखा जा सकता है।
आखिर ऐसा हो भी क्यों ना यह विधवा व वृद्ध माताएं पिछले कुछ सालों से सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं के प्रयासों से रूढ़िवादी परंपराओं को दरकिनार कर रक्षाबंधन, दीपावली और होली जैसे पर्वों को हर्षोल्लास के साथ मनाती जो आ रही हैं। चैतन्य विहार स्थित महिला आश्रय सदन में निवासरत यह निराश्रित महिलाएं विगत कुछ वर्षों की भांति इस वर्ष भी फूलों से हर्बल गुलाल तैयार कर रही हैं। इन माताओं को गुलाल बनाते समय यह भी खुशी है कि उनके द्वारा बनाए जा रहे इस गुलाल से जग प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर समेत अन्य प्रमुख मंदिरों में ठाकुरजी होली खेलेंगे। साथ ही उनके हाथों से बना यह गुलाल देश की महामहिम राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भी भेजा जाएगा। आइए अब जानते हैं कि यह माताएं इस गुलाल को क्यों और कैसे तैयार करती हैं।
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार की पहल पर आश्रय सदन में निवासरत वृद्ध माताओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से ब्रज गंधा प्रसार समिति के माध्यम से अगरबत्ती, धूप बत्ती एवं गुलाल बनाने की शुरुआत की गई थी। इसी के तहत ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर समेत अन्य प्रमुख मंदिरों में प्रयोग किए गए फूलों को एकत्र कर यहां लाया जाता है। जिसके बाद इन माताओं द्वारा इन फूलों की छटाई कर इन्हें सुखाए जाता है। इसके बाद सूखे हुए फूलों को पीसकर उनका पाउडर बनाकर हर्बल गुलाल तैयार किया जाता है। दशकों आप भी इन दृश्यों में देख सकते हैं कि यह माताएं किस प्रकार उत्साह और उमंग के साथ गुलाल तैयार करने में जुटी हुई हैं।