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हरियाणा की खट्टर सरकार ने शब्द ‘गोरखधंधा’ के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है जिसका इस्तेमाल आमतौर पर अनैतिक कृत्यों का वर्णन करने के लिए किया जाता है। बुधवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, गोरखनाथ समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस संबंध में निर्णय लिया। प्रतिनिधिमंडल ने खट्टर से इस शब्द के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया क्योंकि यह संत गोरखनाथ के अनुयायियों की भावनाओं को आहत करता है।
मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि गोरखनाथ संत थे और किसी भी आधिकारिक भाषा, भाषण या किसी भी संदर्भ में इस शब्द का प्रयोग उनके अनुयायियों की भावनाओं को आहत करता है, इसलिए किसी भी संदर्भ में इस शब्द का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। गोरखनाथ एक संत थे और उन्हें समर्पित एक मंदिर सोनीपत से 20 किलोमीटर दूर गोर्ड गांव में स्थित है।
बता दें कि कुछ दिन पहले बुढ़ाना में महायोगी शिव गोरखनाथ महासभा व नाथ सम्प्रदाय के लोगों ने तहसील मुख्यालय पर शब्द ‘गोरखधंधा’ के इस्तेमाल के शिलाफ प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि आए दिन प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में तथा प्रशासनिक अधिकारी रोजाना गलत कार्यों के लिए इस शब्द का प्रयोग करते है। उन्होंने गलत कार्यों के लिए गोरखधंधा शब्द के प्रयोग पर रोक लगाने तथा दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की।
उन्होंने उपजिलाधिकारी व तहसीलदार की गैर मौजूदगी में नायब तहसीलदार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर ज्ञापन देने वालों में बाबूराम रमेश चन्द्, शिवकुमार उपाध्याय, ओमदत्त, सूरजमल, कपिल, रविन्द्र, सुशील व वेदपाल आदि मौजूद रहे।