दिल्ली के सैनिक फार्म में बुजुर्ग सतीश कुमार की हत्या के आरोपी भाई रवि कुमार, धर्मेंद्र व मुकुल ने हथौड़े से आठ से ज्यादा वार कर सिर के कई टुकड़े कर दिए थे। आरोपियों ने हथौड़े से इस तरह वार किए थे बुजुर्ग का खून कमरे में चार से पांच फुट तक फैला हुआ था। आरोपियों का कहना है कि जब वह घर में लूटपाट कर रहे थे तो बुजुर्ग की आंख खुल गई थी। बुजुर्ग ने शोर मचाना शुरू कर दिया था। इसके अलावा रवि को पहचाने जाने का डर था। प्लास से भी बुजुर्ग के सिर पर वार किए गए थे। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यूपी निवासी तीनों भाई पूरी तैयारी के साथ वारदात करने आए थे। रवि को रंगाई-पुताई का काम करने के दौरान पता लग गया था बुजुर्ग अकेले रहते हैं और उनके पास काफी जूलरी व नकदी हो सकती है।
तीनों आरोपी हथौड़ा, कटर, प्लास, रस्सी और पेचकस आदि लेकर आए थे। वारदात के लिए रात में ही ऑटो भी चोरी किया था। मुकुल ऑटो चलाकर दोनों भाइयों को लाया था। सीसीटीवी फुटेज से पता लगा है कि आरोपी ऑटो से रात करीब 12:30 बजे घटनास्थल पर पहुंचे थे। इसके बाद दो आरोपी पॉलिथीन में लूट का समान लेकर रात 1.58 बजे निकले थे। पुलिस ने करीब 150 सीसीटीवी की फुटेज खंगाली। इसके आधार पर नेबसराय थानाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह राणा, इंस्पेक्टर अजीत सिंह व हवलदार विक्रम की टीम आरोपियों तक पहुंच गई। बुधवार देर शाम तक पुलिस तीसरे भाई मुकुल को पकड़ने लिए जगह-जगह छापे मार रही थी।
दक्षिण जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार आरोपी वारदात के बाद यूपी भागने की फिराक में थे। बीट अफसर विक्रम की सूझबूझ से आरोपी भागने से पहले ही पकड़ में आ गए। वारदात के बाद हवलदार विक्रम ने सीसीटीवी फुटेज को खंगालना शुरू कर दिया। विक्रम को एक फुटेज में दिखा कि तीन आरोपी एक ऑटो को धक्का दे रहे हैं।आरोपियों ने वारदात के बाद ऑटो को स्टार्ट नहीं किया था। विक्रम ने फुटेज लोगों को दिखाई तो पीड़ित के घर से कुछ दूरी पर रहने वाले एक व्यक्ति ने रवि की पहचान कर ली। इसके बाद पुलिस ने दबिश देकर रवि व धर्मेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया।