इस वजह से अधीक्षण अभियंता के सहयोग से बचा है प्रशांत सेमवाल ? जानिए क्या है मामला

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ब्यूरो रिपोर्ट :- विपुल पाण्डेय

 

उत्तराखंड के एमडीडीए में इन् दिनों भ्रष्टाचार चरम पर है और हो भी क्यों न क्युकी यहाँ चोर चोर मौसरे भाई जो है। दरसल हम ऐसा नहीं कह रहे है बल्कि इस खबर को पढ़ने के बाद आप खुद कहेंगे दरसल लगातार भ्र्ष्ट अधिकारी प्रशांत सेमवाल के काले करतूतों का पर्दाफाएश हो रहा है जिससे की लगातार सवाल खड़े हो रहे है हालांकि उन खबरों में एक नया ट्विस्ट जुड़ गया है और मामले में एक नया मोड़ सामने आये है जिसमे खुलासा हुआ है भ्र्ष्ट एई प्रशांत सेमवाल को बचाने में अहम भूमिका निभाने और संरछण देने के मामले अधीक्षण अभियंता का नाम का खुलासा हो चुका है दरसल प्रशांत सेमवाल अधीक्षण अभियंता के काले करतूतों का चिट्ठा अच्छी तरह जानता है इसलिए उसपर हाथ डालने से पहले कई बार अधीक्षण अभियंता को सोचना होगा बीते दिनों सूत्रों ने जानकारी दी है की प्रशांत सेमवाल ने अनौपचारिक बातचीत में इस बात का खुलासा कर चुका है की उसके पास ऐसी राज की बात है जिसे सिर्फ उसे पता है और किसी को नहीं पता है दरसल वो बात है मनीष रावत से जुड़ा दरसल मनीष रावत कोई और नहीं बल्कि अधीक्षण अभियंता का सगा भांजा है जो की वर्तमान समय में एमडीडीए में जेई के पद पर तैनात है यही नहीं PMU के जरिये जिस वक्त मनीष रावत एमडीडीए में आया था उस वक्त वो भर्ती के वक्त मानकों को पूरा नहीं करता है फिर भी अपने भांजे के लिए सारे नियम ताक पर रख दिया गया।

Because of this, Prashant Semwal is saved with the help of Superintending Engineer? Know what is the matter
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यही नहीं एक दो नहीं बल्कि तीन सेक्टर भी सौपा गया है । इसमें सेक्टर सात अहम इसलिए हो जाता है क्युकी इसमें प्रशांत सेमवाल साथ रहता है। सोचने वाली बात ये है की जहा एक तरफ उत्तराखंड के लोग बेरोजगारी की दंश झेल रहे है। डिग्रियां लेकर पकोड़े तल रहे है बेरोजगारी की दंश झेल रहे है नौकरी की उम्मीद लगाए बैठे है उनके साथ बड़ा ही अन्याय हो रहा है और उनकी आवाज सुनने वाला कोई नहीं है आपको बता दे की विधानसभा भर्ती घोटाला के बाद एमडीडीए के अधीक्षण अभियंता की पोल खुली है जिसने एमडीडीए और एचआरडीए में अपने रिश्तेदारों का कब्जा जमा रखा है। मामला यही नहीं रुकता आउट्सोर्सिंग के जरिये अधीक्षण अभियंता ने अपने सगे भतीजे विपिन राणा को एचआरडीए का कमान सौप रखा है और ना जाने प्राधिकरण में इनके कितने रिश्तेदारों ने कब्जे कर रखे है जल्द ही उसपर बड़ा खुलासा होगा लेकिन ये तो साफ़ हो गया की चोर चोर मौसेरे भाई जो है इसलिए एक दूसरे को बचाते नजर आ रहे है और इतने खुलासे के बाद भी विभागीय बड़े अधिकारी चुप्पी साधे बैठे है और मौन नजर आ रहे है शिकायतकर्ता के मुताबिक अगर जल्द से जल्द इस पुरे मामले में कार्यवाई नहीं होती और एइ प्रशांत सेमवाल को निलंबित नहीं किया जाएगा तो मामले में जल्द ही कोर्ट में चुनौती देते हुए अधिकारियों को कटघरे में खड़ा किया जाएगा। देखना दिलचस्प है की मामले में क्या वीसी बंसीधर तिवारी कोई कदम उठाएंगे या अधीक्षण अभियंता और उसके सहयोगी भ्र्ष्ट एई प्रशांत सेमवाल को बचाते रहेंगे। जल्द एक और बड़े खुलासे के साथ पढ़ते रहिये भ्र्ष्ट एई प्रशांत सेमवाल की काली करतूतों के काले कारनामे

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