उत्तराखंड राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) द्वारा आयोजित 19वां उत्तराखंड राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी सम्मेलन (यूएसएसटीसी) तीन दिवसीय कार्यक्रम के साथ देहरादून के दून विश्वविद्यालय में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। सम्मेलन ने वैज्ञानिक संवाद, अनुसंधान सहयोग, और सतत विकास के लिए एक प्रेरणादायक मंच प्रदान किया। इस कार्यक्रम में प्रतिदिन 1,500 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जो इसे उत्तराखंड के विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में एक मील का पत्थर बनाता है।
समापन समारोह की मुख्य झलकियां
प्रमुख अतिथि और वक्ता:
- मुख्य अतिथि: श्रीमती ऋतु खंडूरी भूषण (अध्यक्ष, उत्तराखंड विधानसभा)
- विशेष अतिथि: डॉ. हरिंद्र सिंह बिष्ट (निदेशक, सीएसआईआर-आईआईपी)
- प्रमुख वक्ता: प्रो. दुर्गेश पंत (महानिदेशक, यूकॉस्ट)
- आयोजन सचिव: डॉ. डी.पी. उनियाल (संयुक्त निदेशक, यूकॉस्ट)
- विशिष्ट वक्ता: प्रो. सुरेखा डंगवाल (कुलपति, दून विश्वविद्यालय)
सम्मेलन की मुख्य उपलब्धियां
- तकनीकी सत्र:
- 13 तकनीकी सत्रों में 200 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।
- इन सत्रों में जल सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे विषयों पर गहन मंथन हुआ।
- युवा वैज्ञानिक पुरस्कार:
- 24 युवा वैज्ञानिकों को सम्मानित किया गया, जिनमें से 16 पुरस्कार महिला शोधकर्ताओं को प्रदान किए गए।
- प्रदर्शनी:
- 50 से अधिक प्रदर्शनी स्टॉलों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की प्रगति को प्रदर्शित किया गया।
- स्वास्थ्य जांच:
- ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के सहयोग से 3,000 छात्रों की स्वास्थ्य जांच की गई।
- केंद्र स्थापना:
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और जल संसाधन प्रबंधन पर उत्तराखंड में उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना की घोषणा की गई।
प्रमुख विषय और सत्र
सम्मेलन में निम्नलिखित विषयों पर गहन चर्चा और विचार-विमर्श हुआ:
- हिमालय में जल सुरक्षा और संसाधन प्रबंधन।
- भावनात्मक अनुकूलन का विज्ञान और कला।
- हिमालयी क्षेत्र में जल आपदाओं और फ्लैश फ्लड की रणनीतियां।
- भारतीय ज्ञान प्रणाली: संस्कृत और विज्ञान।
- सामुदायिक वन संसाधन प्रबंधन।
- हिमालय में विज्ञान संचार का महत्व।
- रक्षा क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग।
विशेष बातें और घोषणाएं
- सिलक्यारा विजय अभियान का उल्लेख:
- दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने सिलक्यारा विजय अभियान की सफलता को उम्मीद और दृढ़ता का प्रतीक बताया।
- प्रधानमंत्री द्वारा अभियान को मिले समर्थन के लिए यूकॉस्ट ने आभार व्यक्त किया।
- महानिदेशक का वक्तव्य:
- प्रो. दुर्गेश पंत ने कहा, “2047 तक उत्तराखंड को वैश्विक स्तर पर वैज्ञानिक उपलब्धियों के लिए पहचाना जाएगा। हिमालय हमारी प्रेरणा बने रहेंगे।”
- पर्यावरण संरक्षण पर जोर:
- मुख्य अतिथि श्रीमती ऋतु खंडूरी भूषण ने स्थानीय समुदायों को अनुसंधान में शामिल करने और पर्यावरण संरक्षण के लिए वर्षा जल संचयन और पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों को अपनाने का आह्वान किया।
- श्रद्धांजलि:
- सम्मेलन के दौरान पद्म भूषण प्रो. के.एस. वाल्दिया और डॉ. धीरेंद्र स्वामी को श्रद्धांजलि दी गई।
निष्कर्ष और भविष्य की योजनाएं
19वें यूएसएसटीसी ने उत्तराखंड में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास के लिए एक मजबूत आधार प्रदान किया। इसने न केवल शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों के लिए सहयोग का मंच तैयार किया, बल्कि राज्य के सतत विकास और जलवायु अनुकूलन के लिए नई संभावनाएं भी खोलीं।
यूकॉस्ट ने उत्तराखंड में विज्ञान को प्रोत्साहन देने और नवाचार को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।