अतीक-अशरफ की जान लेने वाले हमलावर के पिता का बयान आया सामने, बोले- वह 5-6 दिन पहले…

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बांदा :प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल में मेडिकल जांच कराने के लिए लाए गए माफिया अतीक अहमद और अशरफ की शनिवार देर रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। दोनों को पांच दिनों की रिमांड के दौरान मेडिकल जांच के लिए लाया गया था।

लवलेश का हमसे लेना-देना नहीं था-पिता    
हत्याकांड के बाद शूटर लवलेश तिवारी के पिता का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि लवलेश का हमसे लेना-देना नहीं था। पांच से छह दिन पहले लवलेश बांदा स्थित घर आया था। पहले भी वो कभी-कभी घर आता था। पहले भी वो एक मामले में जेल गया था। लवलेश नशा करता है।

माफिया अतीक और अशरफ को गोली मारकर मौत के घाट उतारने में गिरफ्तार लवलेश तिवारी बांदा शहर के केवटरा मोहाल का रहने वाला है। स्नातक फेल लवलेश नशे का आदि बताया गया है। पिता यज्ञ तिवारी ने बताया कि छह रोज पहले घर आया था। उसका ढर्रा सही नहीं रहा।

स्नातक फेल होने के बाद उसने पढ़ाई बंद कर दी थी। गलत संगत में चला गया। घरवालों ने भी उसका पीछा छोड़ दिया था। चार भाइयों में तीसरे नंबर का था। कोई काम नहीं करता था। पिता ने बताया कि इतनी बड़ी वारदात कैसे कर दी? वह खुद नहीं समझ पा रहे। लवलेश का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। करीब डेढ़ वर्ष पूर्व एक छात्रा को तमाचा जड़ने पर आठ दिन जेल में रहा है। घटना से लवलेश का परिवार दहशत में है।

18 सेकंड में अतीक और अशरफ को मौत की नींद सुलाया
आपको बता दें कि अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को महज 18 सेकंड के भीतर मौत की नींद सुला दिया गया। शूटरों ने दोनों के पुलिस जीप से उतरने के 32वें सेकंड में पहली गोली दागी। इसके बाद लगातार कुल 20 गोलियां दागीं और 50वें सेकंड तक माफिया भाइयों का काम तमाम हो चुका था।
अतीक व अशरफ को 10.36 मिनट पर लेकर पुलिस कॉल्विन अस्पताल के गेट पर पहुंची। 10.37 मिनट और 12 सेकंड पर दोनों पुलिस जीप से नीचे उतर चुके थे। इसके बाद पुलिस उन्हें लेकर अस्पताल के भीतर जाने लगी।

ठीक 32वें सेकंड यानी 10.37 मिनट और 44 सेकंड पर शूटरों ने पहली गोली दागी। इसके बाद ताबड़तोड़ 20 राउंड फायर अतीक और अशरफ को निशाना बनाकर किए गए। 18 सेकंड में वारदात को अंजाम देकर शूटर अपने मकसद में कामयाब हो चुके थे। 10.38 मिनट और 02 सेकेंड पर अतीक और अशरफ दोनों लहूलुहान होकर जमीन पर लुढ़के पड़े थे और उनके शरीर बेजान हो चुके थे।

अतीक के सिर में बाईं ओर दागी पहली गोली
शूटरों ने पहली गोली अतीक पर दागी। अतीक मीडियाकर्मियों से बात करते हुए आगे बढ़ा ही था कि एक शूटर ने पीछे से आकर उसके सिर के पिछले हिस्से में बाईं ओर गोली दागी। इसके बाद अतीक जमीन पर गिरा। उधर गोली चलने की आवाज सुनकर अशरफ भाई को संभालने के लिए पीछे मुड़ा तो उसके चेहरे पर गोली दाग दी। इसके बाद अशरफ भी जमीन पर लुढ़क गया और फिर तीनों शूटरों ने दोनों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं।

प्रोफेशनल थे तीनों शूटर
जिस तरह से इस वारदात को अंजाम दिया गया, उससे एक बात तो तय है कि हत्यारे प्रोफेशनल शूटर थे। जिस तरह से पहली ही गोली अतीक के सिर और अशरफ के चेहरे पर मारी गई, उससे यह भी पता चलता है कि हत्यारे जानते थे कि उन्हें कहां गोली मारनी है। जानकारों का कहना है कि वह चाहते तो सामने से भी गोली चला सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्हें मालूम था कि सिर्फ सीने या शरीर के अन्य किसी हिस्से में गोली लगने पर दोनों बच भी सकते हैं। इसी वजह से उन्होंने पहली ही गोली सीधे टारगेट पर दागी।

शूटआउट में नाइन एमएम की पिस्टल का इस्तेमाल
अतीक और अशरफ को मौत के घाट उतारने वाले शूटरों ने नाइन एमएम की पिस्टल का इस्तेमाल किया। मौके से तीन नाइन एमएम पिस्टल बरामद की गईं। साथ ही नाइन एमएम कारतूस के 11 खोखे भी बरामद हुए हैं।

वीडियो कैमरा और माइक आईडी लेकर आए थे शूटर
शूटआउट को अंजाम देने वाले शूटर मीडियाकर्मी बनकर आए थे। उन्होंने वीडियो कैमरा और माइक आईडी भी थाम रखी थी। दो शूटर जहां वीडियो कैमरा और माइक आईडी लिए हुए था। वहीं उनका तीसरा साथी एक बैग थामे हुआ था। जैसे ही अतीक व अशरफ अस्पताल के भीतर घुसे, तीनों ने अपने हाथ में थामे हुए वीडियो कैमरा, माइक आईडी और बैग जमीन पर फेंक दिए और पिस्टल निकालकर गोलियां बरसाने लगे।

किसी बड़े सुपारी किलर गैंग का काम तो नहीं
वारदात के बाद जो बातें सामने आई हैं, उससे इस बात का भी अंदेशा है कि इसमें किसी बड़े सुपारी किलर गैंग का भी हाथ हो सकता है। दरअसल सूत्रों का कहना है कि मौके से बरामद तीन असलहों में से एक इटैलियन पिस्टल भी थी, जिसकी कीमत पांच लाख से ज्यादा बताई जा रही है। इस तरह के हथियारों का इस्तेमाल प्रोफेशनल गैंग ही करते हैं। ऐसे में इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि यह शूटआउट सुपारी देकर अंजाम दिलाया गया हो।
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