पैरोल के बाद फरार हुए 300 बंदी कहीं चुनाव में गड़बड़ी पैदा न करें, बढ़ी पुलिस की चिंता

300 prisoners who absconded after parole might create disturbance in the elections, police worried increased
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चार वर्ष पहले कोरोनाकाल के दौरान पैरोल पर रिहा होने के बाद फरार हुए सजायाफ्ता कैदियों व विचाराधीन बंदियों ने पुलिस की चिंता बढ़ा दी है। प्रदेश की जेलों से रिहा हुए कुल 1,721 बंदियों में से 300 अब तक वापस नहीं आए। फरार बंदी चुनाव में कोई गड़बड़ी न करें, इसलिए पुलिस विभाग की ओर से उन्हें दोबारा गिरफ्तारी के निर्देश जारी किए गए हैं। पैरोल पर छूटने के बाद फरार हुए कैदियों व बंदियों में सबसे बड़ी संख्या देहरादून के सुद्धोवाला जेल की है। सुद्धोवाला जेल में करीब 82 कैदी व बंदी ऐसे हैं, जो फरार हैं और उनकी तलाश की जा रही है। अप्रैल 2020 में कोरोनाकाल के दौरान पहले लाकडाउन में 891 विचाराधीन और सजायाफ्ता बंदियों को जेल से पैरोल पर रिहा करने के आदेश जारी हुए थे। यह निर्णय जेलों में संक्रमण को कम करने के लिए लिया गया था। इनमें से तकरीबन 850 कैदी व बंदी रिहा होकर अपने घरों को चले गए थे। जबकि बाकी ने घर जाने से मना कर दिया था। तीन महीने की पैरोल के बाद ज्यादातर बंदी अपनी-अपनी जेलों में लौट गए थे। इसके बाद वर्ष 2021 में फिर से लाकडाउन लग गया। इस पर उच्च न्यायालय के निर्देश पर फिर से प्रदेश की 11 जेलों से लगभग 830 कैदियों व बंदियों को रिहा करने का फैसला लिया गया। इनमें से भी बहुत से बंदी पैरोल पूरी होने के बाद जेलों में वापस आ गए। कुछ को पुलिस पकड़कर जेलों में दाखिल कर चुकी है, लेकिन अब भी करीब 300 बंदी ऐसे हैं, जो जेलों में वापस नहीं आए हैं। पैरोल पर रिहा हुए कैदियों व बंदियों में अधिकतर वह हैं, जिन्हें सात साल तक की सजा हो सकती है। पैरोल मिलने के बाद देरी से लौटने वाले कैदियों के लिए अब गृह विभाग ने नियम सख्त कर दिए हैं। इसके तहत यदि कोई कैदी पैरोल की समय अवधि समाप्त होने के बाद जेल वापस नहीं आता तो उसे गिरफ्तार किया जाएगा। ऐसा कैदी यदि तीन दिन बाद वापस आकर जेल में आत्मसमर्पण करता है अथवा गिरफ्तार होता है तो उसे अगले दो वर्ष तक पैरोल नहीं दिया जाएगा। प्रदेश में कैदियों को सुधारने और जेल में अच्छा आचरण करने वाले कैदियों को पैरोल का प्रविधान किया गया है।

कोरोनाकाल के दौरान पैरोल पर रिहा होकर फरार हुए सजायाफ्ता कैदियों व विचाराधीन बंदियों के संबंध में जेल

मुख्यालय की ओर से सूचना मांगी गई थी, जो कि भेज दी गई है। इन कैदियों व बंदियों को अब पुलिस की ओर से

गिरफ्तार किया जाना है।
-दधिराम मौर्य, डीआइजी जेल

 

पैरोल पर छूटकर फरार हुए कैदियों व बंदियों को दोबारा गिरफ्तार करने के लिए सभी थाना व चौकी प्रभारियों को

निर्देशित किया गया है। ऐसे कैदियों व बंदियों को दोबारा गिरफ्तार करके जेल में बंद किया जाएगा। क्योंकि उन्होंने

नियमों का उल्लंघन किया है।
– एपी अंशुमान, एडीजी, अपराध एवं कानून व्यवस्था

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