मथुरा: उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ और जनपद न्यायाधीश, मथुरा के निर्देशानुसार चैतन्य विहार महिला आश्रय सदन प्रथम, द्वितीय, सीताराम, रासविहारी व लीलाकुंज महिला आश्रय सदनों और कृष्णा कुटीर महिला आश्रय सदन, वृन्दावन का आकस्मिक निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन नीरू शर्मा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर महिला आश्रय सदनों की अधीक्षिकाऐं व अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।
निरीक्षण दौरान उपस्थित अधीक्षिकाओं द्वारा बताया गया कि चेतन्य विहार महिला आश्रय सदन, वृन्दावन के उपरोक्त पाँचों आश्रय सदनों में कुल 281 मातायें पंजीकृत हैं| जिनमें से 62 माताये अवकाश पर, 03 माताओं का अस्पताल में भर्ती होना बताया गया। शेष 216 मातायें उपस्थित हैं। कृष्णा कुटीर सदन में 187 माताएं पंजीकृत होना बताया गया| जिसने से 18 माता अनुपस्थित, 01 माता का पुनर्वास होना तथा 168 माताएँ उपस्थित होना बताया गया।
चेतन्य बिहार स्थित सदनों की प्रभारी ने बताया गया कि माताओं को महिला कल्याण निगम द्वारा 1850/- रूपये प्रतिमाह फूडमनी व पॉकेटमनी के रूप में प्राप्त होते हैं| जो सीधे माताओं के बैंक खाते में भेजे जाते हैं। माताओं को उ०प्र० सरकार की ओर से 1000 /- रुपये प्रतिमाह वृद्धा व विधवा पेंशन प्राप्त होती है। अधीक्षिकाओ द्वारा बताया गया कि माताओं की रूकी हुई फुडमनी और पेंशन उन्हें प्राप्त हो गई है।
सभी माताओं के अंत्योदय राशनकार्ड बनें हैं जिसमें उन्हें इस माह में निशुल्क 14 किलो गेहूं व 21 किलो चावल प्राप्त हुआ है। अधीक्षिकाओं द्वारा बताया गया कि सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मथुरा के प्रयासों से सदन में समस्त समस्याओं का निराकरण हेतु महिला कल्याण निगम, लखनऊ द्वारा विगत माह निरीक्षण किया गया | नगर निगम द्वारा सदनों में लगा बारहघाट के मीठे पानी के कनैक्शन को भी सदन तक पहुचा दिया गया है। अधीक्षिकाओं द्वारा बताया गया कि बारह घाट से पानी आने के कारण अब पानी की समस्या कम हो गई है। दान-दाताओं द्वारा आर. ओ. पानी की 20 लीटर की 40 बोतलें प्रतिदिन प्रदान की जाती हैं। नगर निगम द्वारा एक पानी का टैंकर प्रतिदिन भेजा जाता है। निरीक्षण के दौरान ब्रजगंधा प्रचार समिति द्वारा कुछ माताओं के जरिए होली के पर्व हेतु गुलाल तैयार करवाया जा रहा था।
कृष्णा कुटीर महिला आश्रय सदन की अधीक्षिका द्वारा बताया गया कि एक दानदाता द्वारा माताओं के लिए 500 लीटर शुद्ध पानी प्रतिदिन दिया जा रहा है। बिजली की समस्या में अस्थाई रूप से सुधार हुआ है। प्रशासिका द्वारा बताया गया कि कल मुख्य चिकित्साधिकारी, मथुरा की ओर से सदन में मौजूद समस्त माताओं की टी.बी. से संबंधित जांच कर सैंपल एकत्रित किए गए थे। भोजनालय मे एक आर.ओ. लगा है। वर्तमान में संस्था में माताओं द्वारा लिफाफे बनाने का काम किया जा रहा है।
सदनों के निरीक्षण उपरान्त आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मथुरा श्रीमती नीरू शर्मा द्वारा माताओं को उनके संवैधानिक व विधिक अधिकारों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यदि किसी पुत्र या पुत्री द्वारा अपने माता-पिता का भरणपोषण नहीं किया जाता है तो उसके विरूद्ध मकदमा दर्ज कराया जा सकता है। यदि किसी प्रकार की कानूनी सहायता की आवश्यकता हो तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा निःशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध करायी जाएगी। न्यायालयों में लम्बित मुकदमों में वृद्धजनों के मुकदमों को वरीयता के आधार पर सुना जाता है।
निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर में उपस्थित माताओं से पृथक-पृथक वार्ता की गयी तथा उनको विधिक अधिकारों से अवगत कराते हुए उनकी समस्याओं को सुना गया व उनके निस्तारण हेतु सदनों की प्रभारी व कर्मचारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।
अमित शर्मा