सुपरवाइजर सस्पेंड लेकिन AE प्रशांत सेमवाल पर कब होगी कार्यवाई !

Prashant Semwal caused loss of revenue worth lakhs to the government, now will it be recovered?
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क्यूँ चुप्पी साधे बैठे अधिकारी ,उठ रहे सवाल

बताता है मंत्री का करीबी ,अधिकारियों को दिखाता है धौंस !

जांच में होगा बड़ा खुलासा ,एमडीडीए का सबसे भ्रष्ट AE है सेमवाल ?

ब्यूरो रिपोर्ट :- विपुल पाण्डेय

खबर उत्तराखंड के सबसे एमडीडीए से है जहा पर गुरुवार को एक सुपरवाइजर को सस्पेंड कर दिया गया लेकिन इससे बीच एक बड़ा सवाल उठ रहा है की आखिर इसमें शामिल अधिकारियों पर कोई कार्यवाई क्यूँ नही हो रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक पुरूकुल देहरादून बनाए जा रहे भवन के सम्बन्ध में प्राधिकरण में एक वाद दायर किया गया था । जिसमें वादी द्वारा निर्माण के सम्बन्ध में अवगत कराया गया कि क्षेत्रीय सुपरवाईजर द्वारा उक्त निर्माण के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने पर बताया गया कि यह क्षेत्र प्राधिकरण की सीमा में नहीं आता है इसलिए उक्त निर्माण कार्य को कर सकते हैं। उपाध्यक्ष ने बताया कि अपने क्षेत्र भ्रमण के दौरान आम नागरिकों को इस तरह की मिथ्या जानकारी दिया जाना किसी भी प्रकार से उचित नहीं है। इसके लिए महाबीर सिंह, सुपरवाईजर प्रथम दृष्ट्या दोषी पाये जाते हैं। उपरोक्त को दृष्टिगत रखते हुए सुपरवाइजर महाबीर सिंह को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है। महाबीर सिंह के विरूद्ध आरोप पत्र तैयार किए जाने एवं प्रकरण में विस्तृत जांच किए जाने हेतु श्री सुनील कुमार, अधिशासी अभियंता को जांच अधिकारी नियुक्ति किया गया है। जांच अधिकारी से अपेक्षित गया है कि 15 दिन के अन्दर विस्तृत आरोप पत्र तैयार कर प्रस्तुत करें। लेकिन इन् सब मामलों के बीच एक नाम उभर कर सामने आय़ा जिसमें प्रशांत सेमवाल से जुड़ा है जहा पर पुरूकुल में इन् दिनों अवैद्य निर्माण ने जोर पकड़ा है यही नही वहा पर अवैध कालोनियां भी बसाई जा रही है इसके पीछे विश्वस्त सूत्रों की माने तो प्रशांत सेमवाल का ही हाथ है सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मोटी रकम के बदले प्रशांत सेमवाल अवैध कालोनी बसाने में जूटा है। यही नही लोगो को धमकाकर सील की धमकी देकर अवैध वसूली भी जोरों पर हो रही है बड़ी बात ये है की सील के आदेश होने के बाद आखिर किसकी वजह से सील रुक जाता है ये भी जांच का विषय है। सूत्रों ने जानकारी दी है की प्रशांत सेमवाल कहता है की उसने पैसे देकर शैलेन्द्र रावत को हटवाकर सेक्टर 6-7 पर कब्जा किया है। और लगातार पुरूकुल,शिव मंदिर ,सहस्त्रधारा रोड पर अवैध कब्जे और कालोनी बसाने में जुटा है। मिली जानकारी के मुताबिक पूरे एमडीडीए में एकलौता ऐसा AE है जिसके सेक्टर में सबसे ज्यादा अवैध कार्य हो रहे है लेकिन विभाग इसपर चुप्पी साधे बैठा है और बलि का बकरा सुपरवाइजर को बना दिया गया। कई बार अनौपचारिक बातचीत में प्रशांत सेमवाल ये भी कहता है की उसके संबंद मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से है इसलिये अधिकारी उसपर कार्यवाई करने से डरते है ये बात तो भविष्य के गर्भ में है की कब किसके खिलाफ कार्यवाई होगी लेकिन इससे साफ जाहिर होता है की मामलें में भ्रष्ट अधिकारी प्रशांत सेमवाल पर आखिर कोई कार्यवाई अबतक क्यूँ नही बड़ा सवाल।

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