मथुरा: शहर की सड़कों पर ओवरलोड टैंपो फर्राटा भर रहे हैं और हादसे के भी शिकार हो रहे हैं। बावजूद इसके जिम्मेदार अपनी आंखें बंद किए गए हैं। वह कभी कभी स्कूल कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाकर अपनी जिम्मेदारी पूरी होने की बात कह रहे हैं। जबकि पिछले ही दिनों जैत पर एक ओवरलोड टैंपों खडे ट्रक में पीछे से जा घुसा था। जिसमें दो लोगों को अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ा था।
राष्ट्रीय राजमार्ग 19 पर ओवरलोड टैंपो सबसे अधिक रफ्तार में चलते हुए देखने को मिलते हैं। इन टेंपो में यात्रियों की संख्या दो गुनी या इससे भी अधिक होती है। आलम यह होता है कि कई बार तो यात्री पीछे लटक कर यात्रा करने को मजबूर होते हैं। यह सब यातायात पुलिस की आंखों के सामने होता है।
राजमार्ग से लेकर शहर की गलियों के बाहर चालान का मिले लक्ष्य को पूरा करने के लिए ही यातायात पुलिसकर्मी ओवरलोड वाहनों की ओर ध्यान देना भी मुनासिब नहीं समझते हैं। जिसकी वजह से पिछले दिनों हाईवे पर आठ यात्रियों से भरा हुआ टैम्पो एक खड़े ट्रक में जा घुसा था। जिसमें दो लोगों की मौत भी हो गई थी और साथ ही आधा दर्जन लोग चोटिल हुए थे।
अमित शर्मा