मानसून की पहली बारिश बनी नासूर, जलमग्न हुआ गांव, गरीबों के कच्चे मकान गिरे, मकान गिरने का वीडियो आया सामने

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उत्तर प्रदेश के महोबा में मानसून की पहली बारिश गरीब लोगों के लिए नासूर बन गई । आफत की बारिश में जगह-जगह जलभराव की समस्या के साथ-साथ चरखारी तहसील का एक गांव जलमग्न हो गया ।

 

 

 

8 घंटे की मूसलाधार बारिश से गांव के तकरीबन 40 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं । मकान गिरने का वीडियो भी सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है । गांव के जलमग्न होने की सूचना मिलते ही एसडीएम सहित आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए और बारिश के पानी की निकासी के लिए जेसीबी से काम किया जा रहा है। वही सूचना पाकर सिंचाई विभाग के कर्मचारी भी मौके पर पहुंचे हैं ।

 

दरअसल आपको बता दे कि भीषण गर्मी के बीच मानसून की दस्तक हुई है और मानसून की पहली बारिश महोबा में मूसलाधार बारिश हुई। रात 11 बजे से शुरू हुई बारिश सुबह 7बजे तक लगातार चलती रही। इस आफत की बारिश से आम लोगों की दिनचर्या पर खासा असर पड़ा। वही चरखारी तहसील के ग्राम बम्होरी बेलदरान में बारिश की आफत देखने को मिली। बम्होरी बेलदरान गांव में जल निकासी के बेहतर प्रबंध ना होने के चलते बारिश के पानी का खामियाजा गरीबों को भुगतना पड़ा है।

 

गांव के दर्जनों मकान भरभरा कर गिर पड़े। मकान गिरते ही लोगों में अफरा-तफरी का माहौल हो गया।कच्चे मकानों के गिरने का वीडियो भी सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। मकानों के गिरने से ग्रामीणों में त्राहिमाम मचा हुआ है। घरों में पानी भरने से ग्रामीण परेशान हो गए हैं। बताया जाता है कि डाल नहर का पुल छोटा होने के कारण गांव में पानी भर गया और देखते ही देखते पूरा गांव जलमग्न हो गया। तश्वीरें देखकर आप अंदाजा लगा पा रहे होंगे कि गांव में जल निकासी की बेहतर व्यवस्था नहीं ।है जिसके चलते पहली ही बारिश में प्रशासन की व्यवस्थाओं की पोल खुल गई और सबसे अधिक नुकसान गरीबों को झेलना पड़ा। गांव में रहने वाला हल्के कुशवाहा सहित अन्य लोग बताते हैं कि उनके कच्चे मकान बारिश के चलते प्रभावित हुए और मकानों के गिरने से घर में रखी घरेलू सामग्री बर्बाद हो गई। अनाज, कपड़े, घरेलू उपयोग का सामान बर्बाद हो गया। लाखों रुपए का नुकसान गरीबों का हुआ है और गरीब हताश परेशान हैं।

 

सूचना पर एसडीएम चरखारी श्वेता पांडे, सिंचाई विभाग के एसडीओ ओपी यादव सहित अन्य अधिकारी पहुंचे और नहर के माध्यम से गांव का पानी निकालने के लिए जेसीबी मशीन से काम कराया जा रहा है।

 

ग्रामीण इस बात से हताश परेशान हैं कि उनका लाखों का नुकसान हुआ। ग्रामीणों ने शासन और प्रशासन से जिला आपदा राहत के जरिए मदद की गुहार लगाई है ताकि उन्हें उनके हुए नुकसान की भरपाई हो सके। मकानों के गिरने से कई परिवार बेघर हो गए जिनके रहने के लिए छत भी नहीं है।

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