डोईवाला:भगवान दत्तात्रेय के 80 शिष्यों में से चार शिष्य उत्तराखंड में है जिनमे लक्ष्मण सिद्ध भी एक है वैसे तो यहां दर्शन करने वाले श्रद्धांलुओं का प्रत्येक दिन ताता लगा रहता है पर प्रत्येक रविवार को यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालू आते है सावन का महीना शुरू होते ही यहां स्थित शिवालय में श्रद्धालू जलाभिशेख करके मनोकामना मांगते है ऐसी मान्यता है की लक्ष्मण सिद्ध मंदिर में सभी भक्तो की मनोकामना पूरी होती है।
यहां दूर दूर से भक्तगण अपनी मनोकामना ले कर आते है । लक्ष्मण सिद्ध पीठ के महंत भारत भूषण भारती बताते हैं कि त्रेता युग में जब महर्षि अत्रि व सती अनसूया के तप की परीक्षा लेने के लिए त्रिदेव पृथ्वी लोक पर आए तो माता अनसूया की तपस्या से प्रसन्न होकर त्रिदेवो ने माता के गर्भ में एक बालक के रूप में जन्म लिया जिसका नाम दत्तात्रेय पड़ा भगवान दत्तात्रेय द्वारा जन कल्याण हेतु 84 शिष्य बनाए गए यही वर्तमान में 84 सिधों के नाम से जाने जाते हैं जिनमें लक्ष्मण सिद्ध भी एक हैं ऐसी भी मान्यता है कि ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्ति पाने हेतु लक्ष्मण जी ने इसी स्थान पर तपस्या की थी जिसके नाम पर यह लक्ष्मण सिद्ध के नाम से जाना जाता है यहां पर सच्चे मन से मानी गई हर इच्छा पूर्ण होती है।