किसानों को जगी सचिव से उम्मीद,जानिये आगे की क्या है रणनीति

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देहरादून स्थित भारतीय किसान यूनियन वेलफेयर फाउंडेशन के अध्यक्ष सोमदत्त शर्मा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल सचिवालय में मुख्य सचिव उत्तराखंड सरकार राधा रतूड़ी से मिला और वहीं जिसमें देहरादून स्थित सब्जी मंडी निरंजनपुर की समस्याओं को लेकर एक ज्ञापन दिया।

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इस दौरान मुख्य सचिव ने किसानों को आश्वासन दिया कि आपकी समस्या का समाधान जल्द ही किया जाएगा ।और तुरंत ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस प्रकरण की जांच कर एक हफ्ते में रिपोर्ट भेजें उनके काम की गति को देखते हुए किसान भाइयों ने 8 अप्रैल को कृषि मंत्री के यहां धरने का प्रोग्राम कैंसिल कर दिया। और और सभी किसान भाई उनके आश्वासन से खुश हैं। इस मौके पर राष्ट्रीय अध्यक्ष सोमदत्त शर्मा, राष्ट्रीय प्रवक्ता अरुण शर्मा ,किसान नेता ,शूरवीर चौहान ,अरुण तोमर ,राजपाल राणा, किशोर राणा, सुनील कुड़ियाल ,कुशाल चौहान, राजेश कश्यप आदि लोग मौजूद रहे।

भारतीय किसान यूनियन वेलफेयर फाउंडेशन की एक मीटिंग मंडी सचिव ऑफिस में संपन्न हुई 1 अप्रैल को एसएसपी देहरादून व सीओ सदर ने वादा किया था की 2 अप्रैल को मंडी सचिव सिटी मजिस्ट्रेट एसडीम और एसपी सिटी तथा सीओ सदर के साथ किसानों की एक वार्ता होनी थी जिसमें हमारे उत्तरकाशी से किसान भाई कल पहुंच गए थे लेकिन कल मीटिंग निरस्त कर दी गई। इसके बाद किसानों ने सभी किसानों ने तय किया के अगर किसानों का पैसा नहीं तो वोट नहीं करेंगे की ठान ली थी।

इस दौरान अध्यक्ष सोमदत्त शर्मा ने कहा की आगामी 8 अप्रैल को दिन में 12:00 बजे सभी किसान ट्रैक्टर ट्रालियों से सवार होकर कृषि मंत्री के आवास पर उनका घेराव करेंगे। और अगर हमारा भुगतान नहीं हुआ तो सभी किसान आत्मदाह करने के लिए तैयार हैं। कृषि मंत्री के आवास पर सैकड़ो की तादाद में किसान आत्मदाह करेंगे जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी ।सभी किसान आरा कोर्ट बंगाण उत्तरकाशी से देहरादून पहुंचे ।

वही, किसान भाई 300 किलोमीटर चलकर लेकिन देहरादून में बैठे हमारे अधिकारी 2 किलोमीटर भी चलना पसंद नहीं करते किसी भी अधिकारी ने मिलने की जरूरत नहीं समझी इसलिए 8 अप्रैल की तारीख को सभी किसान भाई तैयार रहें।

इसी के साथ राष्ट्रीय प्रवक्ता अरूण शर्मा ने बताया कि एक बार फिर अब सभी किसानों ने तय किया है पहले से मुख्य सचिव उत्तराखंड सरकार से भी भेंट वार्ता कर पूरी स्थिति से अवगत कराया जाएगा। अगर यहां भी कुछ नहीं हुआ तो 8 अप्रैल किसान यूनियन कड़ा कदम उठाने पर मजबूर होंगे।

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