उत्तराखंड में पहली बार राष्ट्रीय खेलों का आयोजन: राज्य के लिए गर्व का अवसर

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उत्तराखंड में पहली बार आयोजित होने जा रहे 38वें राष्ट्रीय खेल प्रदेश के लिए गर्व और उत्साह का विषय हैं। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने इसे प्रदेशवासियों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कहा कि इस आयोजन में राज्य की जनता की सक्रिय भागीदारी इसे और भव्य व सफल बनाएगी। उन्होंने इस अवसर को न केवल खेल प्रतिभाओं के निखार बल्कि राज्य की संस्कृति और स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित करने के मंच के रूप में भी देखा।


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राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों पर बैठक

राज्यपाल ने मंगलवार को राजभवन, देहरादून में शासन और खेल विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर राष्ट्रीय खेलों (28 जनवरी से 14 फरवरी, 2025) की तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि आयोजन की सभी तैयारियां अंतिम चरण में हैं और इन्हें समय पर पूरा कर लिया जाएगा।

विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा ने राष्ट्रीय खेलों से संबंधित विभिन्न कार्यों की प्रगति पर जानकारी दी। बैठक में परिवहन, स्वास्थ्य, खेल, पर्यटन और अन्य संबंधित विभागों के उच्चाधिकारी भी मौजूद थे।


राज्यपाल ने दिए विशेष निर्देश

राज्यपाल ने अधिकारियों को इस आयोजन को ऐतिहासिक और यादगार बनाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि:

  1. जनभागीदारी सुनिश्चित करें:
    आयोजन में राज्य की जनता की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष भागीदारी होनी चाहिए।

    • स्कूली और कॉलेज के छात्रों को खेलों में जोड़ने के निर्देश दिए।
    • स्थानीय उत्पादों और स्वयं सहायता समूहों को इस आयोजन का हिस्सा बनाया जाए।
  2. आयोजन स्थलों पर पुख्ता व्यवस्थाएं:
    • खिलाड़ियों के रहने, खान-पान और परिवहन की सुव्यवस्थित व्यवस्थाएं सुनिश्चित हों।
    • आयोजन स्थलों पर चिकित्सा सुविधाओं का पुख्ता इंतजाम हो।
    • एसओपी (Standard Operating Procedure) तैयार की जाए।
  3. सूचना प्रबंधन:
    • आईटीडीए को खेलों से संबंधित सूचनाओं के लिए एक डैशबोर्ड तैयार करने का निर्देश।
    • यह डैशबोर्ड आयोजन की प्रगति और विभिन्न गतिविधियों पर नजर रखने में मदद करेगा।
  4. टीम भावना और समर्पण:
    • अधिकारियों को आयोजन की सफलता के लिए टीम भावना से काम करने की सलाह दी।

राज्य की खेल प्रतिभाओं को मिलेगा बड़ा मंच

राज्यपाल ने कहा कि यह आयोजन उत्तराखंड की खेल प्रतिभाओं के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाने का बड़ा अवसर है। उन्होंने कहा कि आयोजन के दौरान पूरे प्रदेश में खेल का माहौल तैयार किया जाए, ताकि यह आयोजन राज्य के हर वर्ग के लिए यादगार बने।


स्थानीय संस्कृति और उत्पादों का प्रचार

राज्यपाल ने इस आयोजन को स्थानीय उत्पादों और संस्कृति के प्रचार-प्रसार का माध्यम बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि खेलों के दौरान स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जाए और स्वयं सहायता समूहों को आयोजन में भागीदारी का मौका दिया जाए।


आयोजन की प्रमुख बातें और तैयारियां

  • तारीखें: 28 जनवरी से 14 फरवरी, 2025।
  • प्रमुख निर्देश:
    • सभी वर्गों को आयोजन से जोड़ने का प्रयास।
    • खिलाड़ियों और आयोजकों के लिए पुख्ता व्यवस्थाएं।
    • सूचना और प्रबंधन के लिए डैशबोर्ड।
    • आयोजन स्थलों पर परिवहन और चिकित्सा सुविधाओं की तैयारी।
  • उद्देश्य:
    • खेल प्रतिभाओं को निखारने का अवसर।
    • राज्य की संस्कृति और उत्पादों को बढ़ावा देना।
    • आयोजन को एक यादगार अनुभव बनाना।

बैठक में मौजूद अधिकारी

बैठक में प्रमुख सचिव एल फैनई, सचिव विनोद कुमार सुमन, डीआईजी जन्मजेय खंडूरी, अपर सचिव स्वाति एस. भदौरिया, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, और अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।


38वें राष्ट्रीय खेलों का उत्तराखंड में आयोजन राज्य के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह न केवल खेल प्रतिभाओं के लिए एक बड़ा मंच है, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक और आर्थिक पहचान को भी राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करने का अवसर है। राज्यपाल के निर्देशों के तहत सभी विभाग आयोजन को सफल बनाने में जुट गए हैं। आयोजन के दौरान राज्य की जनता की सक्रिय भागीदारी से इसे ऐतिहासिक और यादगार बनाया जाएगा।

उत्तराखंड के लिए यह आयोजन एक नई शुरुआत है, जो खेलों के साथ-साथ राज्य के विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा।

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