बंगाली समाज की विभिन्न जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल करने की मांग! प्रादेशिक बंगाली कल्याण समिति ने जिलाधिकारी को लिखा पत्र
रुद्रपुरः बंगाली समाज की विभिन्न जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल करने की मांग! प्रादेशिक बंगाली कल्याण समिति ने जिलाधिकारी को लिखा पत्र
रुद्रपुर। बंगाली समाज की विभिन्न जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित करने की मांग को लेकर आज प्रादेशिक बंगाली कल्याण समिति ने जिलाधिकारी को सम्बोधित ज्ञापन अधिकारियों को सौंपा। इससे पहले समिति से जुड़े पदाधिकारी कलेक्ट्रेट पहुंचे। ज्ञापन में कहा गया कि तराई में बंगालियों की बसायत 1950 के बाद से प्रारंभ हो गई थी, तब पूरा तराई जंगल से घिरा था। कहा गया कि बंगाली समाज ने कड़ी मेहनत करके तराई को निखारने और पहचान दिलाने में अहम योगदान दिया, जो किसी से छिपा नहीं है।
कहा कि आज तराई में विभिन्न भाषी लोग निवास करते हैं, लेकिन बंगाली समाज की स्थिति आज भी जस की तस बनी हुई है। कहा गया कि बंगालियों की आर्थिक, शैक्षिक, सामाजिक तथा रिती रिवाज का अवलोकन किया जाए तो समाज आज भी पिछड़ा हुआ है। ऐसे में तमाम बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए समाज की विभिन्न जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित किया जाना चाहिए। ज्ञापन देने वालों में चंद्रशेखर गांगुली, दिलीप अधिकारी, आशुतोष राय, जीवन राय, अमित वैध, देवाशीष मण्डल, नवकुमार साना, आशीष बाला, अर्जुन विश्वास, जगदीश कर्मकार, जगदीश घरामी, विमल घरामी, निरंजन घरामी, विजय कुमार, मिलन राय, मुकेश बाला, प्रकाश अधिकारी, प्रदीप विश्वास, विकास सरकार, अंकुर पाठक आदि मौजूद रहे।