गणतंत्र दिवस परेड-2025 के लिए उत्तराखंड की झांकी का चयन “साहसिक खेल” (एडवेंचर स्पोर्ट्स) पर आधारित थीम के साथ किया गया है। यह झांकी न केवल उत्तराखंड के साहसिक खेलों की झलक पेश करेगी, बल्कि राज्य को एडवेंचर टूरिज्म के एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने में मददगार साबित होगी। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के कलाकारों और अधिकारियों को बधाई दी और इसे राज्य के लिए गौरव का क्षण बताया।
झांकी का स्वरूप और मुख्य आकर्षण
उत्तराखंड की झांकी को तीन भागों में विभाजित किया गया है:
- अग्र भाग:
झांकी के अग्र भाग में उत्तराखंड की पारंपरिक एपण कला (Aipan Art) को प्रदर्शित किया जाएगा। एक उत्तराखंडी महिला को पारंपरिक परिधान में एपण आर्ट बनाते हुए दिखाया जाएगा, जो राज्य की सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक है। - मध्य भाग:
झांकी के मध्य भाग में साहसिक खेलों की विभिन्न गतिविधियों जैसे:- रॉक क्लाइम्बिंग
- पैराग्लाइडिंग
- बंजी जम्पिंग
- हिल साइक्लिंग
- ट्रैकिंग
- रिवर राफ्टिंग
को जीवंत रूप से प्रदर्शित किया जाएगा। यह भाग राज्य की साहसिक खेल गतिविधियों के अद्वितीय अनुभवों को दर्शाएगा।
- पिछला भाग:
झांकी के पिछले भाग में औली में स्कीइंग और ऋषिकेश में ज़िप-लाइनिंग को प्रमुखता दी जाएगी। साथ ही हिमालय की सुंदरता और साहसिक खेलों की अपार संभावनाओं को रेखांकित किया जाएगा।
झांकी चयन प्रक्रिया और राज्य का प्रदर्शन
महानिदेशक सूचना, श्री बंशीधर तिवारी ने बताया कि झांकी के डिज़ाइन, मॉडल और संगीत का प्रस्तुतीकरण रक्षा मंत्रालय के विशेषज्ञ समिति के सामने अक्टूबर 2024 में किया गया था। भारत सरकार ने इसे उत्कृष्ट पाते हुए 21 दिसंबर, 2024 को झांकी के अंतिम चयन की घोषणा की। इस बार झांकी चयन में देशभर से 34 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने भाग लिया, जिनमें से 15 राज्यों की झांकियों का चयन हुआ। उत्तराखंड के साथ चयनित राज्यों में शामिल हैं:
- आंध्र प्रदेश
- गुजरात
- पंजाब
- बिहार
- झारखंड
- त्रिपुरा
- पश्चिम बंगाल
आदि।
उत्तराखंड की झांकी का ऐतिहासिक प्रदर्शन (2003-2023)
उत्तराखंड ने हर बार अपनी अद्वितीय और आकर्षक झांकियों से गणतंत्र दिवस परेड में अपनी पहचान बनाई है। अब तक राज्य की निम्न झांकियां कर्तव्य पथ पर प्रदर्शित हुई हैं:
वर्ष | झांकी की थीम |
---|---|
2003 | फुलदेई |
2005 | नंदा राजजात |
2006 | फूलों की घाटी |
2007 | कार्बेट नेशनल पार्क |
2009 | साहसिक पर्यटन |
2010 | कुम्भ मेला हरिद्वार |
2014 | जड़ी-बूटी |
2015 | केदारनाथ |
2016 | रम्माण |
2018 | ग्रामीण पर्यटन |
2019 | अनाशक्ति आश्रम (कौसानी प्रवास) |
2021 | केदारखंड (तृतीय स्थान प्राप्त) |
2022 | प्रगति की ओर बढ़ता उत्तराखंड |
2023 | मानसखंड (प्रथम स्थान प्राप्त) |
2024 में लाल किले पर भारत पर्व में भी उत्तराखंड की झांकी का प्रदर्शन हुआ।
एडवेंचर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने झांकी चयन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह राज्य के साहसिक खेलों और पर्यटन को देश और दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का एक सुनहरा अवसर है। उन्होंने कहा:
“उत्तराखंड न केवल आध्यात्मिक और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, बल्कि यह साहसिक खेलों का भी केंद्र है। इस झांकी के माध्यम से हम एडवेंचर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देकर राज्य को पर्यटन के वैश्विक नक्शे पर मजबूती से स्थापित करेंगे।”
झांकी से उत्तराखंड को मिलने वाले लाभ
- पर्यटन को बढ़ावा: झांकी में साहसिक खेलों को प्रदर्शित करने से एडवेंचर टूरिज्म को गति मिलेगी।
- आर्थिक लाभ: साहसिक खेलों के प्रचार से राज्य में अधिक पर्यटकों का आगमन होगा, जिससे स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
- राज्य की छवि को मजबूती: झांकी राज्य की अनूठी सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएगी।
सीएम पुष्कर सिंह धामी का संदेश
“यह गर्व का क्षण है कि उत्तराखंड की झांकी का गणतंत्र दिवस परेड के लिए चयन हुआ है। हम इस झांकी के माध्यम से न केवल राज्य की प्राकृतिक सुंदरता और साहसिक खेलों को प्रदर्शित करेंगे, बल्कि उत्तराखंड को एक प्रमुख पर्यटन और साहसिक खेल केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में काम करेंगे।”
उत्तराखंड की “साहसिक खेल” थीम पर आधारित झांकी गणतंत्र दिवस परेड-2025 में न केवल आकर्षण का केंद्र बनेगी, बल्कि यह राज्य के साहसिक खेलों को एक नई पहचान भी देगी। इस झांकी के माध्यम से राज्य न केवल अपनी संस्कृति और परंपरा को प्रस्तुत करेगा, बल्कि साहसिक खेलों के लिए अपनी क्षमता और महत्वाकांक्षाओं को भी प्रदर्शित करेगा।
“उत्तराखंड का यह प्रयास पर्यटन और साहसिक खेलों के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत करेगा।”