अंबेडकरनगर:उत्तर प्रदेश के आपराधिक लिस्ट में टाॅप-10 में शामिल माफिया खान मुबारक की कल हरदोई के जिला अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी जिसके शव को आज भारी पुलिस बल की मौजूदगी में उसके पैतृक गांव लाया गया । जहां पर मुस्लिम रीति रिवाजों के अनुसार सुपुर्द ए खाक किया गया।
दरअसल आपको बता दें कि माफिया खान मुबारक करीब तीन साल से हरदोई जेल में बंद था। बताया जाता है काफी दिनो से मुबारक की तबीयत ठीक नहीं चल रही थी और कल हरदोई के जिला अस्पताल में खान मुबारक की मौत हो गई। खान मुबारक का शव लेने देर रात रिश्तेदार हरदोई पहुंच गए थे जहां से आज सुबह एंबुलेंस के जरिए शव को अंबेडकरनगर स्थित खान मुबारक के पैतृक गांव लाया गया गया। एहतियात के तौर पर गांव में भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया था और भारी सुरक्षा के बीच खान मुबारक के शव को रिश्तेदारों ने गांव के ही कब्रिस्तान में सुपर्द ए खाक कर दिया गया। शव को सुपर्द ए खाक करते समय खान मुबारक के गांव वाले शामिल नहीं हुए महज रिश्तेदार ही शामिल हुए।
माफिया खान मुबारक पर यूपी के अलग अलग जिलों में 40 से ज्यादा आपराधिक मुकदमें दर्ज थे। खान मुबारक का भाई जफर सुपारी जेल में बंद है बताया जाता है दोनों भाइयों की अंडरवर्ल्ड में दस्तक दी और यही वजह है कि खान मुबारक महज बहुत ही कम उम्र में जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह बन गया था। हत्या, लूट और रंगदारी खान मुबारक का मुख्य पेशा था जिसको जब चाहा तब उसको टारगेट किया। मुबारक का खौफ इस कदर था कि मरने के बाद भी कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। प्रयागराज में पढ़ाई के दौरान खान मुबारक ने अपराध जगत में अपना कदम रखा और फिर वही से आतंक की सीढ़ी पर चढ़ता गया। एक बाद एक ताबड़तोड़ कई वारदातों को अंजाम दिया। बताया जाता है जेल में बंद जफर सुपारी ने अपने भाई खान मुबारक की मुलाकात छोटा राजन से कराई थी और फिर वही से खान मुबारक छोटा राजन के लिए काम करना शुरू कर दिया। जरायाम की दुनिया का बेताज बादशाह बनने की लालसा रखने वाले खान मुबारक के शौक भी काफी ऊंचे थे। कोट पैंट और टाई का शौकीन खान मुबारक लग्जरी शौक के साथ ही लग्जरी गाडियां और बेहतरीन असलहों का भी शौक रखता था। फिलहाल खान मुबारक की मौत के साथ उसके शौक भी मिट्टी में दफन हो गए और साथ ही यूपी के एक बड़े अपराधी का अंत भी हो गया।