तत्कालीन उपाध्यक्ष ने भ्रष्ट एई और अधीक्षण अभियंता के उम्मीदों पर फेर दिया था पानी ,जानिए क्या था मामला
पूरे प्रदेश में सबसे हाई प्रोफाइल देहरादून DM की पोस्टिंग सबसे महत्वपूर्ण है। जिस पर इस वक्त सोनिका तैनात है देहरादून जिला एक ऐसा जिला ही जहां पर मुख्यमंत्री खुद हर चीज की मॉनिटरिंग करते हैं। कहते हैं की देहरादून में पत्ता भी हिलता है तो मुख्यमंत्री तक बात पहुंचती है और पूरी जिम्मेदारी जिले के जिलाधिकारी की होती है ऐसे में जरा सी भी लापरवाही नुकसान देह हो सकती है। लब्बो लुआब ये है की देहरादून जिलाधिकारी की कुर्सी बेहद चुनौती वाली और मेहनत वाली है यानी की कुल मिलाकर देहरादून DM की कुर्सी हर एक अधिकारी के लिए कांटो भरा ताज है। देहरादून के सबसे भ्रष्ट विभाग में ईमानदारी और कार्यवाई सिर्फ वर्तमान जिलाधिकारी और तत्कालीन वीसी रही सोनिका के कार्यकाल में सिर्फ देखने को मिली लेकिन उस्के बाद तो मानो एमडीडीए के फिर बुरे दिन शुरू हो गए जानकारी के लिऐ आपको बता दे क़ी मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण तैनात भ्रष्ट एई प्रशान्त कुमार सेमवाल द्वारा एक गजब कारनामा किया गया जिसमें मोटा पैसा लेकर अनिल कुमार टण्डन की C-272 नम्बर की कॉर्मसियल निर्माण की गलत फाईल को पास होने के लिए बढा दिया गया था। जिसके बाद प्राधिकरण के SE के द्वारा भी पास होने की संस्तुति करते हुए फाईल बढा दी गई थी। फाईल में नियमों के अनुसार प्लाट के सामने कॉर्मसियल फाईल के लिए जितनी रोड की आवश्यकता होती है उतनी नही थी। जब फाईल तत्कालीन उपाध्यक्ष के पास पहुॅची तो फाईल का पुनः निरीक्षण कराया गया जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि भ्रष्ट एई प्रशान्त कुमार सेमवाल और अधीक्षण अभियंता हरिश्चन्द्र सिंह राणा द्वारा नियमों के विरूद्ध पास होने के लिए गलत फाईल बढाई गई थी। बहरहाल तत्कालीन उपाध्यक्ष द्वारा फाईल तो पास नही करी गई परन्तु यह चुक हो गई कि गलत फाईल करने पर इस भ्रष्ट एक के खिलाफ कोई कार्यवाही नही की गई। अगर समय से कार्यवाही की गई होती तो इसके द्वारा लगातार गलत कार्य नही किए जाते,और उसी समय अगर समय रहते इनपर कार्यवाई हो जाती ।