पुलिस अधिकारी ने छाती पर मारीं लातें… ऑर्मी ऑफिसर की मंगेतर ने बताया थाने में क्या हुआ
भुवनेश्वर: ओडिशा में ऑर्मी ऑफिसर की मंगेतर के साथ बर्बरता और यौन हिंसा के मामले पर कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी पर निशाना साधा है। प्रियंका गांधी ने लिखा है कि इस घटना से पूरा देश स्तब्ध है तो वहीं दूसरी ओर पुलिस स्टेशन में बदसलूकी और यौन हिंसा का शिकार हुई मंगेतर ने आपबीती में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। मंगेतर ने कहा है कि मुझे पुलिस स्टेशन में हाथ-पैर बांधकर रखा गया। कुछ वक्त बाद एक पुलिस वाला आया और मेरे अंडरगार्मेंट उतार दिए और छाती पर लातें मारीं गई। मीडिया से बातचीत में पीड़ित ने कहा कि मैं मदद के लिए चिल्ला रही थी, लेकिन बर्बरता की गई। पश्चिम बंगाल में तैनात एक सैन्य अधिकारी और उसकी मंगेतर ने 15 सितंबर को भरतपुर पुलिस थाने में रोड रेज की शिकायत दर्ज कराई थी।
पुलिसकर्मियों की ज्यादती यहीं पर नहीं रुकी। मारपीट के बाद एक फिर एक पुलिस अधिकारी आया उसने मेरी पैंट उतारी और फिर अपनी पैंट उतारी और प्राइवेट पार्ट दिखाते हुए कहा कि तुम चुप रहो। इसके बाद मुझे रेप की धमकी दी गई। इस मामले के तूल पकड़ने के बाद ओडिशा पुलिस हरकत में आई है। ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा ने पुलिस हिरासत में एक सैन्य अधिकारी की मंगेतर पर कथित यौन हमले के संबंध में शुक्रवार को मामला दर्ज किया। केस भरतपुर पुलिस थाने के पूर्व प्रभारी निरीक्षक दीनकृष्ण मिश्रा, उपनिरीक्षक बैसालिनी पांडा, सलिलामयी साहू, सागरिका रथ और कांस्टेबल बलराम हांसदा के खिलाफ दर्ज किया गया है। इससे पहले ओडिशा पुलिस ने बुधवार को भुवनेश्वर के भरतपुर पुलिस थाने में एक सैन्य अधिकारी पर कथित हमले और उसकी मंगेतर से उत्पीड़न के सिलसिले में पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था।
बीजू जनता दल (बीजद) ने घटना में अपराध शाखा की जांच की आलोचना की और घोषणा की कि विपक्षी दल द्वारा शनिवार को यहां राजभवन के सामने प्रदर्शन किया जाएगा। बीजद नेता और भुवनेश्वर की महापौर सुलोचना दास ने कहरा है कि हम भारत की राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपेंगे, जो स्वयं एक महिला हैं। पीड़ित महिला ने दावा किया कि हिरासत में लिए जाने के बाद उसका यौन उत्पीड़न किया गया। महिला को गुरुवार को हाईकोर्ट ने जमानत दे दी और उसे रिहा कर दिया गया। ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं बीजू जनता दल (बीजद) के अध्यक्ष नवीन पटनायक ने शुक्रवार को पुलिस हिरासत में एक सैन्य अधिकारी की मंगेतर के कथित यौन हमले के मामले की अदालत की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) और न्यायिक जांच की मांग की।
महिला ने आरोप लगाया कि मुझे नहीं पता कि क्या हुआ, उन्होंने उसे (सैन्य अधिकारी) को हवालात में डाल दिया। जब मैंने अपनी आवाज तेज करते हुए कहा कि वे (पुलिस) सेना के अधिकारी को हिरासत में नहीं रख सकते तो दो महिला अधिकारियों ने मेरे साथ मारपीट शुरू कर दी। महिला ने कहा कि उसने जवाबी कार्रवाई करने की कोशिश की और जब महिला पुलिसकर्मियों ने उसकी गर्दन पकड़ने की कोशिश की तो उसने एक महिला पुलिसकर्मी के हाथ पर काट लिया। महिला ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उसके हाथ और पैर बांधकर उसे एक कमरे में बैठा दिया। महिला के मुताबिक कि कुछ समय बाद एक पुरुष अधिकारी ने दरवाजा खोला और मेरी छाती पर कई बार लात मारी।