शिवाय इन्क्लेव धोरण में भूमाफियाओं द्वारा नाले की जमीन पर अवैध कब्जा

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उत्तराखंड में जहां एक ओर नदियों और पर्यावरण को बचाने के लिए मुहिम चल रही है, वहीं दूसरी ओर भूमाफियाओं द्वारा नदियों और नालों की जमीन को खत्म करने की कोशिशें जारी हैं। ऐसा ही एक ताजा मामला आईटी पार्क स्थित शिवाय इन्क्लेव, धोरण से सामने आया है, जहां बाहरी भूमाफिया सतेंद्र प्रधान और चौधरी रोहित पंवार पर नाले की जमीन पर अवैध कब्जा करने के आरोप लगे हैं।


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मामले की गंभीरता

  1. पर्यावरणीय प्रभाव
    • नदी-नालों पर अतिक्रमण से पानी के प्राकृतिक प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है।
    • अवैध निर्माण से जलभराव और भूस्खलन जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं, जो स्थानीय पर्यावरण और निवासियों के लिए गंभीर खतरा पैदा करती हैं।
  2. कानूनी उल्लंघन
    • नदी-नालों की जमीन पर कब्जा भारतीय कानून के तहत अपराध है।
    • भूमाफिया सतेंद्र प्रधान और चौधरी रोहित पंवार पर सरकारी जमीन और पर्यावरणीय कानूनों का उल्लंघन करने के आरोप हैं।
  3. स्थानीय प्रशासन की भूमिका
    • मामले में प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं।
    • स्थानीय निवासियों ने कई बार शिकायतें दर्ज की हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

नदियों को बचाने की आवश्यकता

उत्तराखंड में नदियों और नालों का महत्व सिर्फ पर्यावरणीय नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक भी है।

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  1. जल स्रोतों की सुरक्षा: नाले और नदियां स्थानीय जलस्रोतों को रिचार्ज करती हैं।
  2. प्राकृतिक आपदाओं की रोकथाम: नालों का सही प्रवाह भूस्खलन और बाढ़ जैसी आपदाओं को रोकने में सहायक है।
  3. स्थानीय निवासियों की आजीविका: नदियां और नाले स्थानीय समुदाय की जल आपूर्ति का प्रमुख स्रोत हैं।

भूमाफियाओं की साजिश

  • बाहरी व्यक्तियों का दखल: स्थानीय लोगों के अनुसार, ये भूमाफिया बाहरी क्षेत्रों से आकर यहां सरकारी जमीन पर कब्जा करने की साजिश कर रहे हैं।
  • सांठगांठ का शक: प्रशासन और भूमाफियाओं के बीच मिलीभगत की भी संभावना जताई जा रही है, जिससे कार्रवाई में देरी हो रही है।

स्थानीय निवासियों की मांग

  1. तत्काल कार्रवाई:
    • स्थानीय निवासियों ने जिला प्रशासन से अवैध कब्जा हटाने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
  2. सख्त कानून का पालन:
    • सरकार से नदियों और नालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े नियम लागू करने का आग्रह किया गया है।
  3. भूमाफियाओं पर कठोर दंड:
    • दोषियों पर जुर्माना और जेल जैसी सख्त सजा की मांग की गई है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

प्रशासन की जिम्मेदारी

  • तत्काल निरीक्षण: शिवाय इन्क्लेव धोरण क्षेत्र का प्रशासनिक निरीक्षण कर नाले पर हो रहे अवैध निर्माण को रोकना।
  • कानूनी कार्रवाई:
    • सतेंद्र प्रधान और चौधरी रोहित पंवार के खिलाफ FIR दर्ज करना।
    • अतिक्रमण हटाकर जमीन को मूल स्वरूप में बहाल करना।
  • स्थानीय जागरूकता: नदियों और नालों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाना।

शिवाय इन्क्लेव धोरण में नाले की जमीन पर हो रहे अवैध कब्जे का मामला पर्यावरणीय और कानूनी दृष्टि से गंभीर है। यदि समय रहते प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की, तो यह क्षेत्रीय जलस्रोतों और पर्यावरण के लिए बड़े संकट का कारण बन सकता है। स्थानीय निवासियों की मांग है कि ऐसे भूमाफियाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं और नाले की जमीन को संरक्षित किया जाए। प्रशासन की सक्रियता ही इस समस्या का समाधान ला सकती है।

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