देहरादून के परेड ग्राउंड में आयोजित 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 के समापन समारोह में उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने प्रतिभाग किया। चार दिवसीय इस भव्य आयोजन में देश-विदेश के आयुर्वेद विशेषज्ञ, शोधकर्ता, और शिक्षाविद शामिल हुए। राज्यपाल ने कार्यक्रम स्थल पर लगे विभिन्न आयुर्वेदिक स्टॉलों का भ्रमण किया और उनके महत्व को समझा।
राज्यपाल का संबोधन
समापन समारोह के दौरान राज्यपाल ने कहा:
“यह आयोजन न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव है, बल्कि आयुर्वेद के माध्यम से भविष्य की स्वास्थ्य चुनौतियों के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।”
उन्होंने इस कार्यक्रम को आयुर्वेद की आदर्श भूमि, उत्तराखंड के लिए गर्व की बात बताते हुए कहा कि यहां की प्राकृतिक संपदा और औषधीय पौधों की समृद्धि, इसे आयुर्वेदिक अनुसंधान और चिकित्सा के लिए एक प्रमुख केंद्र बनाती है।
आयुर्वेद को आधुनिक तकनीक से जोड़ने पर जोर
राज्यपाल ने आयुर्वेद को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि:
- डिजिटल हेल्थ टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी प्रणालियों के साथ आयुर्वेद को जोड़कर इसे न केवल सुलभ बनाया जा सकता है, बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रभावी ढंग से प्रस्तुत भी किया जा सकता है।
- चार दिवसीय आयोजन को उन्होंने “आयुर्वेद महाकुंभ” की संज्ञा दी और कहा कि इसमें विचारों, ज्ञान और नवाचारों का अद्भुत संगम देखने को मिला।
- आयुर्वेदाचार्यों और विशेषज्ञों द्वारा किए गए विचार-विमर्श से निकले चिंतन और मंथन के परिणाम निकट भविष्य में वैश्विक स्वास्थ्य क्षेत्र में दिखाई देंगे।
आयुर्वेद: भारत की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली
राज्यपाल ने विश्वास व्यक्त किया कि यह आयोजन:
- भारत के आयुर्वेद और योग की शक्ति को वैश्विक स्तर पर व्यापकता प्रदान करेगा।
- प्राचीन आयुर्वेद ज्ञान को आधुनिक विज्ञान के साथ जोड़ते हुए विश्व कल्याण में अपना योगदान देगा।
उन्होंने उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक धरोहर को आयुर्वेदिक पर्यटन और समग्र चिकित्सा के लिए आदर्श स्थल बताया और कहा कि इस आयोजन से राज्य में वेलनेस टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा।
आयुर्वेद कांग्रेस के उद्देश्य
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य:
- आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देना।
- आधुनिक स्वास्थ्य चुनौतियों के समाधान के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाना।
- आयुर्वेद को डिजिटल टेक्नोलॉजी और नवाचार से जोड़ना।
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
इस अवसर पर कई प्रतिष्ठित व्यक्तित्व और अधिकारी उपस्थित थे, जिनमें शामिल हैं:
- रविनाथ रामन (सचिव, आयुष)
- विजय कुमार जोगदंडे (अपर सचिव)
- प्रो. अनूप ठक्कर (महासचिव, राष्ट्रीय आयोजन कमेटी)
- डॉ. शिव कुमार (राष्ट्रीय आयोजन सचिव)
- डॉ. के.डी. पुरोहित (अध्यक्ष, विज्ञान भारती उत्तराखंड)
इसके अलावा, देश-विदेश से आए आयुर्वेद के विद्वान और प्रतिनिधि भी कार्यक्रम का हिस्सा बने।
उत्तराखंड: आयुर्वेद का प्राकृतिक केंद्र
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड की भूमि औषधीय पौधों का खजाना है और यह आयुर्वेदिक अनुसंधान, विकास और चिकित्सा के लिए एक प्रमुख केंद्र बन सकती है। उन्होंने इस आयोजन को आयुर्वेदिक ज्ञान के प्रसार और वेलनेस टूरिज्म को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।
आयोजन की उपलब्धियां
- आयुर्वेदिक स्टॉल्स:
- आयोजन में आयुर्वेदिक औषधियों, उपकरणों, और चिकित्सा प्रणालियों को प्रदर्शित करने वाले सैकड़ों स्टॉल्स लगाए गए।
- वैश्विक भागीदारी:
- देश-विदेश के प्रतिनिधियों ने आयुर्वेद को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने के लिए विचार-विमर्श किया।
- भविष्य के लिए रोडमैप:
- आयुर्वेद और योग को आधुनिक चिकित्सा के साथ एकीकृत करने के लिए योजनाओं और शोध को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया।
10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 ने न केवल आयुर्वेद की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली को एक मंच प्रदान किया, बल्कि इसे आधुनिक तकनीक और विज्ञान से जोड़ने के महत्व को भी उजागर किया। राज्यपाल द्वारा व्यक्त किया गया विश्वास कि यह आयोजन भारत के आयुर्वेद ज्ञान को वैश्विक स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई पहचान दिलाएगा, इस कार्यक्रम की सफलता का प्रमाण है।
उत्तराखंड में इस प्रकार के आयोजनों से न केवल राज्य की प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा मिलता है, बल्कि यह वेलनेस टूरिज्म और आयुर्वेदिक चिकित्सा के क्षेत्र में भी राज्य को अग्रणी स्थान पर पहुंचाने में मदद करेगा।