देहरादून/उधम सिंह नगर, 30 दिसंबर 2024: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) उत्तराखंड की मिशन निदेशक श्रीमती स्वाति एस. भदौरिया ने उधम सिंह नगर में विभिन्न चिकित्सा इकाइयों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की समस्या को हल करने के लिए T3 रणनीति – टेस्ट, ट्रीट, टॉक के प्रभावी अनुपालन पर जोर दिया।
स्वास्थ्य सेवाओं का व्यापक निरीक्षण
मिशन निदेशक ने जिला चिकित्सालय रुद्रपुर का निरीक्षण करते हुए अस्पताल में मौजूद सुविधाओं और प्रबंधन की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों का निरीक्षण किया, जिनमें शामिल हैं:
- एसएनसीयू (स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट)
- लेबर रूम और इमरजेंसी वार्ड
- मैमोग्राफी, रेडियोलॉजी और डीआईपीएचएल लैब
- नि:शुल्क जांच योजना और टेली-रेडियोलॉजी सेवाएं
डायलिसिस सेंटर:
- निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि अस्पताल में हर महीने 700 से अधिक डायलिसिस किए जा रहे हैं, जिससे मरीजों को असुविधा हो रही है।
- मिशन निदेशक ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिया कि जनपद के अन्य चिकित्सा इकाइयों में भी डायलिसिस सेंटर स्थापित करने का प्रस्ताव मिशन कार्यालय को भेजा जाए।
साफ-सफाई और निर्माण कार्य:
- मिशन निदेशक ने अस्पताल की साफ-सफाई, शौचालय व्यवस्था, और निर्माणाधीन क्रिटिकल केयर ब्लॉक का भी निरीक्षण किया और सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए।
एनीमिया के लिए T3 रणनीति पर जोर
गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की समस्या को प्राथमिकता देते हुए, मिशन निदेशक ने T3 (टेस्ट, ट्रीट, टॉक) रणनीति के प्रभावी कार्यान्वयन पर जोर दिया।
- टेस्ट:
एनीमिया की जांच के लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित करना। - ट्रीट:
गंभीर एनीमिया के प्रबंधन के लिए आवश्यक दवाएं और संसाधन उपलब्ध कराना। - टॉक:
गर्भवती महिलाओं और उनके परिवारों को एनीमिया के प्रभाव और इसे रोकने के तरीकों पर जागरूक करना।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि:
- एनीमिया जांच और उपचार स्थलों पर आवश्यक उपकरण और दवाएं उपलब्ध कराई जाएं।
- आवश्यक सामग्रियों की सूची तैयार कर निगरानी सुनिश्चित की जाए।
- गंभीर एनीमिया के मरीजों को प्राथमिकता के आधार पर उपचार दिया जाए।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रमों की समीक्षा
मिशन निदेशक ने एनएचएम के तहत चल रहे विभिन्न कार्यक्रमों की भौतिक और वित्तीय समीक्षा की।
- जननी सुरक्षा योजना
- आशा कार्यकर्ताओं का डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर)
- फैमिली प्लानिंग और एनसीडी (नॉन कम्युनिकेबल डिजीज) कार्यक्रम
- क्वालिटी सुधार कार्यक्रम
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि:
- आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन भत्ता और लाभार्थियों को डीबीटी का समय पर भुगतान किया जाए।
- रिक्त पदों को आचार संहिता समाप्त होने के बाद शीघ्र भरा जाए।
क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम का निरीक्षण
जिला क्षय केंद्र और स्टेट ड्रग स्टोर का निरीक्षण करते हुए, मिशन निदेशक ने राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) की प्रगति की समीक्षा की।
- दवाओं की उपलब्धता:
निरीक्षण के दौरान टीबी की सभी आवश्यक दवाएं उपलब्ध पाई गईं। - दिशा-निर्देश:
उन्होंने जिला क्षय रोग अधिकारी को निर्देश दिया कि टीबी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए समय पर उच्च अधिकारियों को जानकारी दी जाए।
आयुष्मान भारत और अन्य कार्यक्रमों की प्रगति
मिशन निदेशक ने आयुष्मान आरोग्य मंदिर का निरीक्षण किया और संबंधित अधिकारियों को कार्यक्रम की प्रगति में सुधार लाने के निर्देश दिए।
उपस्थित अधिकारी
निरीक्षण और समीक्षा के दौरान उपस्थित अधिकारी:
- डॉ. मनोज कुमार शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, उधम सिंह नगर
- डॉ. हरेन्द्र मलिक, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी
- डॉ. राजेश आर्या, जिला क्षय रोग अधिकारी
- श्री हिमांशु मुस्यनी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक
- श्री डी.एस. भण्डारी, जिला लेखा प्रबंधक
- श्री चाँद मियाँ, डीडीएम
मिशन निदेशक स्वाति एस. भदौरिया द्वारा किया गया यह निरीक्षण न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति का आकलन करने में सहायक रहा, बल्कि स्वास्थ्य केंद्रों के संचालन में सुधार के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रदान किए गए।
- T3 रणनीति के कार्यान्वयन से गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की समस्या को कम करने में मदद मिलेगी।
- जिला चिकित्सालयों में डायलिसिस सेंटर और अन्य सुविधाओं का विस्तार मरीजों की असुविधा को कम करेगा।
- राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं की नियमित निगरानी राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को और सुदृढ़ करेगी।
“T3 रणनीति के प्रभावी कार्यान्वयन से एनीमिया जैसी गंभीर समस्या का समाधान संभव है। मिशन निदेशक के इस निरीक्षण से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की उम्मीद बढ़ी है।”