सुल्तानपुर: चोरी के बाद सीनाजोरी कैसे की जाती है ये देखना हो तो सुल्तानपुर आइये। यहां एक से बढ़कर एक बड़े दिग्गज है, जो अपनी कमियों को छिपाने के लिये झूठ बोलने से भी बाज नही आते हैं। इसी फेहरिस्त में एक नाम आता है शिवकुमार सिंह का। फर्श से अर्श पर पहुंच चुके शिवकुमार सिंह वर्तमान समय मे बल्दीराय ब्लाक के प्रमुख हैं और इनकी पत्नी ऊषा सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष। बड़े बड़े पद पर होने के बावजूद शिवकुमार सिंह के कारनामे आप सुनेंगे तो दंग रह जायेंगे।
दरअसल बल्दीराय ब्लाक के गौरा बारामऊ गांव में अमृत सरोवर के तहत 39 लाख 50 की लागत से एक तालाब का निर्माण क्षेत्र पंचायत के जरिये करवाया जा रहा था। लिहाजा मजदूरों को एकत्रित करने की जिम्मेदारी इन्होंने गांव के कांग्रेस नेता अरशद पवार को सौंप दी थी। अरशद ने दर्जनों मजदूर लगाकर जुलाई से अक्टूबर माह तक सरोवर खुदाई का कार्य करवाया, लेकिन इसके एवज में शिवकुमार सिंह ने महज एक लाख 80 रुपये दिए। इसमे से कुछ मजदूरों को पैसे मिले, जबकि कई मजदूर अभी भी अपनी मजदूरी का इंतजार कर रहे थे। मजदूरी न मिलने से नाराज मजदूरों ने अरशद पवार का घर घेरना शुरू कर दिया।
अरशद ने ब्लाक शिवकुमार कुमार सिंह से मजदूरी के पैसे देने के लिये कहा। शिवकुमार सिंह ने पैसे नही दिये तो अरशद पवार की अगुवाई में मजदूरों ने शिवकुमार सिंह के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इस बात की जानकारी जब शिवकुमार को लगी तो वे दल बल के साथ गौरा बारामऊ गांव पहुंच गए। अरशद की माने तो जब उन्होंने ब्लाक प्रमुख से मजदूरों के पैसे देने को को कहा तो वे आनाकानी करने लगे। इसी दौरान विवाद हो गया और शिवकुमार सिंह अरशद पवार पर अपने समर्थकों के साथ टूट पड़े। मज़दूरों के साथ साथ अरशद की जमकर पिटाई की गई।
यहीं के बाद शुरू होती है एक तो चोरी उर ऊपर से सीनाजोरी की कहानी। ब्लाक प्रमुख शिवकुमार सिंह अरशद और मजदूरों की पिटाई के बाद बल्दीराय थाने पहुंच गए और उल्टा अरशद उनके पुत्रों पर रंगदारी मांगने हमला करने का मुकदमा दर्ज करवा दिया और कार्यवाही को लेकर शासन सत्ता का दबाव बनाने लगे। फिलहाल पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की पड़ताल शुरू कर दी है। उनकी माने तो जो भी सच्चाई होगी उसी अनुसार कार्यवाही की जाएगी।