नई दिल्ली, 29 नवम्बर: उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने शुक्रवार को केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव से शिष्टाचार भेंट की। इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य राज्य में उत्पादित औषधीय और फसली उत्पादों को प्रोत्साहन देना था।
तेजपत्ता और तैमूर को फसल घोषित करने की मांग
कृषि मंत्री ने केंद्रीय आयुष मंत्री से उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर उगने वाले तेजपत्ता और तैमूर को फसल के रूप में मान्यता देने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि चंदन को फसल घोषित किया जाए ताकि राज्य के किसानों को विशेष लाभ मिल सके। कृषि मंत्री ने कहा, “इन उत्पादों को फसल घोषित किए जाने से कृषि और उद्यान विभाग के माध्यम से प्रदेश के किसानों को आर्थिक लाभ होगा।”
मेडिसिनल प्लांट्स पर चर्चा
बैठक के दौरान औषधीय पौधों पर विशेष चर्चा हुई। गणेश जोशी ने बताया कि उत्तराखंड सतावर, सर्पगंधा, कुटकी, तुलसी, और कूट जैसे औषधीय पौधों का एक प्रमुख उत्पादक है। इन पौधों का उपयोग विभिन्न दवाओं के निर्माण में किया जाता है, जो देश और विदेश दोनों में मांग में हैं।
अन्य मुद्दों पर विचार-विमर्श
दोनों मंत्रियों ने अन्य समसामयिक विषयों पर भी विस्तार से चर्चा की। कृषि मंत्री ने उत्तराखंड के किसानों की समस्याओं और राज्य में औषधीय फसलों की संभावनाओं पर ध्यान दिलाया।
उत्तराखंड का निमंत्रण और सांस्कृतिक सम्मान
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने केंद्रीय मंत्री को पहाड़ी टोपी भेंट कर उत्तराखंड आने का निमंत्रण दिया। इस सांस्कृतिक आदान-प्रदान ने दोनों राज्यों के बीच संबंधों को और मजबूत किया।
इस बैठक ने उत्तराखंड के किसानों के लिए नई संभावनाओं का द्वार खोला है। तेजपत्ता, तैमूर और चंदन को फसल घोषित करने के प्रस्ताव से राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सकती है।