देहरादून:-खबर उत्तराखंड के देहरादून से है जहा पर आपको बता दे की इन दिनों एक मामला चर्चा का विषय बना हुआ है, हो भी क्यों न क्युकी मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण हमेशा चर्चा में जो बना रहता है दरअसल ताजा मामला एमडीडीए में तैनात एई शैलेन्द्र रावत से जुड़ा है
जिन्हे एक बार फिर से प्राधिकरण ने पुराने जगह का चार्ज दिया है जहा पहले कभी इनकी तैनाती रही है,जहा एक तरफ धड़ाधड़ कार्यवाई से सुर्खिया बटोरी वही एक छोटी सी चूक उनके लिए भारी पड़ती दिखाई दे रही है दरसल आपको बता दे की सीएम हेल्पलाइन में एक व्यक्ति के द्वारा अवैध निर्माण की शिकायत की जाती है और उसपर जो एई साहब ने जो जवाब दिया वो चर्चा का विषय बन गया
सीएम हेल्पलाइन में जवाब देते हुए एई शैलेन्द्र रावत कहते है की “स्थल निरीछण के दौरान भवन स्वामी द्वारा अपने निर्माण का स्वीकृत मानचित्र प्रस्तुत किया गया एवं स्वीकृत मानचित्र से विचलन कर किये गए निर्माण को स्वयं शमन कराने हेतु सहमति प्रस्तुत की गयी” अब यही से सवाल उठना शुरू होता है की एई साहब ने आखिर ना चालान काटा ना ही निर्माण कार्य रुकवाया न ही सील किया और शमन के लिए भी खुद जिम्मा भवन स्वामी पर छोड़ दिया इस मामले में वॉइस नेशन ने जब एई शैलेन्द्र रावत से सवाल पूछा तो उन्होंने जवाब देने से साफ़ इंकार कर दिया
वॉइस नेशन ने एई महोदय से सवाल किया तो पहले तो उन्होंने ब्यान देने से मना किया उसके बाद कहा की मामले की जानकारी नहीं है कॉपी उलब्ध कराने के बाद एई साहब से जब ये पूछा गया की क्या आप सभी भवन स्वामी से चलान काटने या सील करने से पहले पूछते है तो उनका जवाब था हम इस मामले में जो जवाब लिखित में दिए है वही मान्य है अब बड़ा सवाल ये है की नियम कायदे को ताक पर रखते हुए आखिर अधिकारी ऐसे लोगो पर मेहरबान क्यों है ये जाँच का विषय है,राजपुर रोड के सड़क किनारे हो रहे इस निर्माण की अनदेखी क्यों की जा रही है साथ ही एई साहब से सवाल ये भी है क्या ये सिर्फ उनके चुनिंन्दा लोगो के लिए ये प्रकिया है या आम जनता है लिए भी क्या ये सुविधा एई साहब मुहैया करा रहे है