रिपोर्ट – हीरालाल
बरसाना में आज लठामार होली नन्दगाँव के हुरियारो और बरसाने की हुरियारिनों के मध्य प्रेममयी लठो की मार से मनायी गयी। नन्दगाँव के हुरियारे बरसाना के प्रियाकुण्ड पर एकत्रित होते हैं और बरसानावासी रवडी, भाग के प्रसाद से नन्दगाँव के हुरियारों का स्वागत किया करते है।
प्रियाकुण्ड पर एकत्रित हो सभी हुरियारे अपनी पाग बाध ढालों को सजाते है और फिर प्रेममयी होली के लोकगीतों को गाते-नाचते हुए बरसाना की हुरियारों के बीच आकर पाँच हजार साल पुरानी लठामार होली की परम्परा को निभाते है।
नन्दगाँव के हुरियारे सिर पर ढाल लेकर भगवान श्रीकृष्ण के जयकारों को बोलते हुए हुरियारिनों के लठ खाने बैठ जाते है। एक एक हुरियारे पर 5-5, 10-10 हुरियारिनें अपने दमखम से लठ चलाती है। कहा जाता है कि इसी अद्भुत होली को देखने ब्रह्मा, शिव आदि देव सहित सुर्य भी अपनी गति को रोक इस लठामार होली के दर्शन करते हैं।
इस लठामार होली को देखने देश विदेश से लाखों श्रृद्धालु आते है। और लठमार होली के दर्शन कर अपने आपको सौभाग्यशाली मानते है। देखिए किस प्रकार नन्दगाँव के ग्वाल स्वरूप हुरियारें गाते और नाचते हैं |