Uttarakhand@25: युवाओं ने बढ़ाया मान… अब युवा उत्तराखंड की ‘युवा ऊर्जा’ को संवारकर तय करनी होगी दिशा

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रिपोर्ट: आकाश

 

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उत्तराखंड के युवाओं ने अपने हुनर के दम पर कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रदेश का मान बढ़ाया है। ऐसे में अब हमें जरूरत है कि युवा प्रदेश की इस युवा ऊर्जा को संभालकर उन्हें सकारात्मक दिशा दिखानी होगी। ताकि वे समाज निर्माण और राष्ट्र निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकें। युवा ऊर्जा को सही दिशा दी जाए तो यह देश और समाज के विकास के लिए सबसे बड़ी पूंजी साबित हो सकती है, जिससे सकारात्मक परिवर्तन, उन्नति और प्रगति संभव है और वे उत्तराखंड को नई ऊंचाई पर ले जाने का सामर्थ्य रखती है। इतना ही नहीं यह ऊर्जा रोजगार के नए अवसर पैदा कर सकती है

 

 

 

प्रदेश के 25 वर्षों के इतिहास में कई ऐसे मौके आए जब युवाओं ने अपनी ऊर्जा, प्रतिभा से अलग मुकाम हासिल किया। लेकिन इनमें से अधिकतर युवाओं ने सुविधा संपन्न जीवन की चाह और आत्मनिर्भरता की इच्छा में राज्य और मुल्क छोड़ दिया। ऐसे में आने वाले वर्षों में युवाओं की ऊर्जा और प्रतिभा को अपने ही राज्य में काम आने के लिए सरकार को शिक्षा, कौशल विकास और स्वरोजगार को बढ़ावा देना होगा, जिससे वे राज्य के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास में योगदान दे सकें। उनकी रचनात्मक और सकारात्मक सोच का उपयोग राज्य की समस्याओं को हल करने के लिए किया जाना चाहिए। साथ ही प्रतिभा को निखारने के लिए खेल, कला और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में उन्हें अवसर और मंच प्रदान करने होंगे। बजाए वह अपने अधिकारों, रोजगार और सुविधाओं के लिए सड़कों पर आंदोलन करें।

 

 

 

सरकार और युवाओं को इन बातों का रखना होगा ध्यान

दून विश्वविद्यालय के ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट विभाग की निदेशक डॉ. स्वाति बिष्ट ने कहा, युवाओं के कौशल विकास के लिए सरकार को ध्यान देना होगा। वर्तमान समय में शिक्षा और कौशल के बीच एक गहरी खाई है। इसके अलावा युवाओं की काउंसलिंग के लिए भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए। जबकि युवाओं को अपना आत्मविश्वास बढ़ाने के साथ अपने कॅरिअर पर फोकस करना होगा। साथ ही अपनी अनुकूलन शक्ति को भी बढ़ाना होगा। इसके अलावा युवाओं को आभासी दुनिया से बाहर आकर वास्तविक दुनिया को समझना होगा और स्वरोजगार की ओर कदम बढ़ाने होंगे।

 

इन युवाओं ने बढ़ाया प्रदेश का मान

खेल, शिक्षा, सिनेमा, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में उत्तराखंड के युवाओं ने अपनी अलग पहचान बनाई है। हाल ही कुछ उदाहरणों की बात करें तो भारत की महिला वर्ल्ड चैंपियन टीम का हिस्सा रहीं स्पिनर स्नेह राणा ने अपने शानदार प्रदर्शन से न सिर्फ टीम को जीत दिलाई। ऐसे ही विश्व जुजित्सु चैंपियनशिप में ऋषिकेश की प्रज्ञा जोशी ने पदक जीत इतिहास रचा। उधर, राधिका थापा ने भी अपने अचूक निशाने से न सिर्फ इतिहास रचा बल्कि स्वर्ण पदक हासिल कर प्रदेश का मान भी बढ़ाया। वहीं, इस साल भी संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा-2024 में उत्तराखंड के युवाओं ने अपना परचम लहराया। इस परीक्षा में दून की सलोनी गौतम, त्यूणी की शिल्पा चौहान, लोहाघाट की अनुप्रिया, टिहरी की अंजू भट्ट व तुषार डोभाल, रुड़की के अर्पित कुमार, रानीखेत के गौरव छिमवाल, धारचूला के अक्षत कुटियाल सहित कई अन्य छात्रों ने सफलता हासिल की थी। उधर, इस साल 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में टिहरी की बेटी सृष्टि लखेड़ा की निर्देशित फिल्म एक था गांव को सर्वश्रेष्ठ गैर-फीचर फिल्म के पुरस्कार के लिए चुना गया। टिहरी के ही निवासी शेफ माधव बहुगुणा भी अमेरिका में अपने स्वाद के तड़के से प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं।

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