UP Nikay Chunav Analysis: 15 शहरों में भाजपा के महापौर बनने के आसार, ओवैसी की पार्टी ने मेरठ में चौंकाया

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भारतीय जनता पार्टी छह नगर निगम को लेकर भाजपा चिंतित बनी हुई थी। प्रदेश की 17 नगर निगम में हुए चुनाव में भाजपा सहारनपुर, बरेली, अलीगढ़, मेरठ, मुरादाबाद और आगरा नगर निगम को लेकर दिक्कत महसूस कर रही थी लेकिन शुरुआती आंकड़ों ने उसको राहत मिली। सूत्रों के मुताबिक पन्ना प्रमुख एप के जरिये आए आंकड़ों से संकेत मिल रहे हैं कि इन नगर निगमों में भाजपा को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है, जिसके बाद से ही सभी की निगाहें नगर निगम चुनावों पर लगी हुई थीं। लेकिन भारतीय जनता पार्टी का जैसा प्रदर्शन शुरुआती रुझानों में आ रहा है उससे एक बार फिर योगी के काम काज के तरीकों पर मुहर लगा दी है।


समाजवादी पार्टी और कांग्रेस नगर निगम में अपना खाता भी नहीं खोल पा रही है। वहीं बहुजन समाज पार्टी भाजपा को सही मायनों में टक्कर दे रही है। समाजवादी पार्टी अगर कहीं भाजपा को थोड़ी बहुत टक्कर दे रही है तो वह कानपुर नगर निगम की सीट है। यहां सपा प्रत्याशी वंदना बाजपेई और भाजपा प्रत्याशी प्रामिला पांडेय के बीच मुकाबला जोरों पर है। लेकिन अगर किसी ने सभी को चौंकाया है तो वो है एआईएमआईएम के मेरठ में चल रहे प्रदर्शन ने।



शहरी मतदाताओं की कसौटी पर आज राजनीतिक दलों का परिणाम लोकसभा चुनावों की रूपरेखा तैयार करेगा। क्योंकि इससे एक साल बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में मतदाता का मिजाज को भी भापा जा सकेगा। प्रदेश में 17 नगर निगम, 199 नगर पालिका परिषद और 544 नगर पंचायतों सहित 760 नगरीय निकाय चुनावों में दो चरणों में हुए मतदान के नतीजे सामने आ रहे हैं। चुनाव में भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस जैसे बड़े दलों के साथ अपना दल (एस), रालोद, एआईएमआईएम, निषाद पार्टी सहित तमाम दलों ने भी किस्मत आजमाई है। लेकिन भाजपा एक बार फिर से बढ़त बनाते हुए नजर आ रही है।

मुस्लिम वोट बंटने से भाजपा को फायदा होने की उम्मीद को मेरठ में झटका
मेरठ नगर निकाय चुनाव में मुस्लिम वोटों में बंटवारे से भाजपा महापौर प्रत्याशी हरिकांत अहलूवालिया का पलड़ा भारी लग रहा था।  लेकिन एआईएमआईएम उनके लिए चुनौती बन कर सामने आ गई है। सपा की तरफ मुस्लिम और अन्य वोटों के अलावा दलित मतदाताओं का भी काफी रुझान नजर आया। वहीं, एआईएमआईएम की तरफ मुस्लिमों का रुझान अप्रत्याशित तरीके से ज्यादा रहा है। नगर निगम में क्षेत्र में 12,57,440 मतदाता हैं। इन्हीं के हाथों महापौर के भाग्य का फैसला होगा। इनमें करीब एक तिहाई मुस्लिम मतदाता हैं, जिनमें बंटवारा नजर आया। इससे सपा की सीमा प्रधान के अलावा बड़ी संख्या में एआईएमआईएम के प्रत्याशी अनस को वोट करते नजर आए। दलित वोट बसपा से खिसक कर सपा और भाजपा की तरफ जाता दिखाई दिया। वहीं, बाकी हिंदू मतों का ध्रुवीकरण भाजपा के पक्ष में नजर आया लेकिन मतदान प्रतिशत पिछली बार के मुकाबले ज्यादा न हो पाने के कारण मुकाबला तगड़ा भी हो गया है।


दोनों चरणों में 52 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया
9 अप्रैल को प्रदेश में नगर निकाय चुनाव कराए जाने की घोषणा हो गई थी। इस बार दो चरण में मतदान हुआ। पहले चरण का मतदान चार मई को 37 जिलों में तथा दूसरे चरण का मतदान 11 मई को 38 जिलों में कराया गया। दोनों चरणों में 52 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया। 13 मई को प्रदेश भर में सभी निकायों में डाले गए वोटों की मतगणना होगी। यदि महापौर पद की बात करें तो पिछले चुनाव में 16 में से 14 महापौर भाजपा से चुने गए थे। दो पर बसपा ने विजय हासिल की थी। सपा और कांग्रेस के हिस्से में एक भी सीट नहीं आई। इस बार मतदाताओं ने किसके हिस्से में क्या दिया, यह पता आज चल जाएगा।

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