देहरादून, 11 दिसंबर।
उत्तराखंड की धरती पर आयुर्वेद को वैश्विक पहचान दिलाने और इसकी समृद्ध परंपरा को सशक्त बनाने की रणनीति तय करने के लिए वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो 2024 का आयोजन हो रहा है। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में 12 से 14 दिसंबर तक इंटरनेशनल असेंबली का आयोजन किया जाएगा, जहां दुनिया के विभिन्न देशों के आयुष चेयर प्रतिनिधि आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार और उसकी वैश्विक पहचान पर विमर्श करेंगे।
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं
- इंटरनेशनल असेंबली
- तीन दिनों का आयोजन (12-14 दिसंबर)
- अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, और सिंगापुर सहित 40 से अधिक देशों के आयुष चेयर प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
- आयुर्वेद के अंतरराष्ट्रीय प्रचार-प्रसार की रणनीति तैयार करने पर चर्चा।
- आरोग्य एक्सपो 2024
- आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के उपयोग और फायदों को प्रदर्शित करने के लिए एक्सपो का आयोजन।
- आयुर्वेदिक औषधियों, उपकरणों, और उपचार पद्धतियों का प्रदर्शन।
- उत्तराखंड: आयुर्वेद की समृद्ध परंपरा का केंद्र
- यह पहली बार है कि किसी हिमालयी राज्य को इस विश्व स्तरीय आयोजन की मेजबानी का अवसर मिला है।
- इससे पहले 2014 में यह कार्यक्रम दिल्ली में आयोजित हुआ था।
- उत्तराखंड के समृद्ध वनस्पति संसाधन और आयुर्वेदिक परंपराओं को नई पहचान मिलेगी।
आयुर्वेद और आयुष के वैश्विक प्रचार में भारत का योगदान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आयुष ने दुनिया भर में लोकप्रियता हासिल की है।
- प्रधानमंत्री के प्रयासों से दुनिया के कई देशों में आयुष चेयर स्थापित की गई है।
- भारत आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के प्रचार-प्रसार में एक वैश्विक केंद्र बन रहा है।
उत्तराखंड इस दिशा में अहम भूमिका निभा रहा है।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “आयुर्वेद के लिहाज से उत्तराखंड की धरती हमेशा से समृद्ध रही है। यह आयोजन हमारी परंपरा और आधुनिक आयुर्वेद को जोड़ने का महत्वपूर्ण अवसर है।”
उत्तराखंड: एक विशेष अवसर
आयुर्वेद की समृद्ध परंपरा
उत्तराखंड लंबे समय से आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और औषधियों का स्रोत रहा है।
- हिमालयी राज्य में पाई जाने वाली दुर्लभ वनस्पतियां आयुर्वेद के लिए अत्यंत उपयोगी हैं।
- यह आयोजन उत्तराखंड को वैश्विक आयुर्वेदिक मानचित्र पर एक नई पहचान देगा।
स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव
- आयुर्वेद के प्रचार से पर्यटन और राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
- स्थानीय आयुर्वेदिक उत्पादों और चिकित्सा पद्धतियों को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी।
भविष्य की योजनाएं
- वैश्विक रणनीति:
- इंटरनेशनल असेंबली में आयुर्वेदिक पद्धतियों को अधिक प्रभावी तरीके से विश्व स्तर पर प्रस्तुत करने की योजनाएं बनाई जाएंगी।
- नई अनुसंधान और नवाचारों को बढ़ावा दिया जाएगा।
- आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान का समन्वय:
- आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के बीच समन्वय स्थापित किया जाएगा।
- आयुर्वेद को वैज्ञानिक आधार पर अधिक सुदृढ़ बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का संदेश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस आयोजन को उत्तराखंड का सौभाग्य बताया।
- उन्होंने कहा, “यह आयोजन न केवल आयुर्वेद के वैश्विक प्रचार में मदद करेगा, बल्कि उत्तराखंड को आयुर्वेदिक चिकित्सा का केंद्र बनाने में भी सहायक होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में आयुष ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है, और यह आयोजन उस दिशा में एक और बड़ा कदम है।”
वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो 2024 उत्तराखंड को आयुर्वेद के क्षेत्र में एक वैश्विक मंच प्रदान करेगा।
- यह न केवल परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों को पुनर्जीवित करेगा बल्कि राज्य की आर्थिक और सांस्कृतिक उन्नति में भी योगदान देगा।
- आयुर्वेद के वैश्विक प्रचार और समृद्धि के लिए यह आयोजन एक मील का पत्थर साबित होगा।