देहरादून: मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के अधीक्षण अभियंता पर सुराज सेवा दल ने गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए मामले की उच्चस्तरीय जांच और कार्रवाई की मांग की है। इस संबंध में सुराज सेवा दल के प्रदेश अध्यक्ष रमेश जोशी ने प्राधिकरण के वीसी बंशीधर तिवारी के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शिकायत दर्ज कराई है।
आरोपों की मुख्य बातें
रमेश जोशी द्वारा दर्ज किए गए शिकायती पत्र में निम्नलिखित गंभीर आरोप लगाए गए हैं:
- गोल्डन फॉरेस्ट की जमीन में अनियमितताएं:
- आरोप है कि अधीक्षण अभियंता ने अपने बेटे की कंपनी के नाम पर गोल्डन फॉरेस्ट की जमीन खरीदी और बेची, जो कि नियमों के खिलाफ है।
- सर्किल रेट करोड़ों में होने के बावजूद यह संपत्ति कम कीमत में कैसे खरीदी गई, इस पर सवाल उठाए गए हैं।
- जमीन के क्रय-विक्रय पर पहले से प्रतिबंध होने के बावजूद, यह सौदा कैसे हुआ, इसे लेकर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है।
- परिवार के सदस्यों को लाभ पहुंचाना:
- अधीक्षण अभियंता पर अपने परिवार के सदस्यों को शहरी विकास विभाग में नौकरियां दिलाने का आरोप है।
- यह भी आरोप लगाया गया है कि भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए अपने सगे-संबंधियों को इन पदों पर नियुक्त किया गया।
- भ्रष्टाचार और संपत्ति:
- रमेश जोशी ने आरोप लगाया है कि अधिकारी ने अपने कार्यकाल में हजारों करोड़ रुपए की संपत्ति अर्जित की है।
- इससे पहले भी इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई गई थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
- उन्होंने कहा कि अधिकारी की संपत्ति का पूरा विवरण सरकार को दिया जा चुका है।
- आम जनता के लिए समस्याएं:
- शिकायत में यह भी कहा गया है कि अधिकारी के कार्यकाल में मध्यमवर्गीय परिवारों को मकान बनाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
- वहीं, कमर्शियल बिल्डिंग, अस्पताल, होटल, और स्कूल आसानी से बन गए, जिससे भ्रष्टाचार की आशंका पैदा होती है।
- कार्रवाई के नाम पर केवल नोटिस जारी किए जाते हैं और कथित रूप से पैसे उगाहने का काम किया जाता है।
15 दिनों में कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी
रमेश जोशी ने सरकार और प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि 15 दिनों के भीतर ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो सुराज सेवा दल प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगा।
- उन्होंने हस्ताक्षर अभियान चलाकर आम जनता को इस मुद्दे के प्रति जागरूक करने की योजना बनाई है।
- जोशी ने कहा कि यदि यह आंदोलन शुरू हुआ तो इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी।
गोल्डन फॉरेस्ट जमीन विवाद
गोल्डन फॉरेस्ट की जमीन को लेकर पहले भी विवाद होते रहे हैं। यह जमीन क्रय-विक्रय के लिए प्रतिबंधित है, लेकिन आरोप है कि अधिकारी ने नियमों को ताक पर रखकर इसे अपनी पुत्र की कंपनी के नाम पर खरीदा और बेचा।
प्रशासन और सरकार पर सवाल
सुराज सेवा दल ने इस प्रकरण में प्रशासन और सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं।
- रमेश जोशी ने आरोप लगाया कि उत्तराखंड जैसे राज्य, जो पहले से ही 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज में है, में अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।
- उन्होंने कहा कि यह प्रदेश की जनता के साथ धोखा है और इससे राज्य की वित्तीय स्थिति और खराब हो रही है।
मुख्यमंत्री से गुहार
सुराज सेवा दल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अपील की है कि इस मामले में तुरंत कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं और भ्रष्टाचार के ऐसे गंभीर मामलों को अनदेखा करना उचित नहीं है।
एमडीडीए के अधीक्षण अभियंता पर लगाए गए गंभीर आरोप राज्य में एक बड़ी प्रशासनिक चुनौती को उजागर करते हैं।
- यदि इन आरोपों की जांच निष्पक्ष रूप से की जाती है, तो यह न केवल भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त कदम होगा, बल्कि आम जनता का सरकार और प्रशासन पर भरोसा भी मजबूत करेगा।
- अब देखना यह है कि राज्य सरकार और प्रशासन इन आरोपों पर क्या कार्रवाई करती है और सुराज सेवा दल द्वारा दी गई चेतावनी पर क्या कदम उठाए जाते हैं।