बीते शनिवार रात उत्तराखंड एसटीएफ, वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो और तराई पूर्वी वन प्रभाग की संयुक्त टीम ने खटीमा के पहेनिया टोल प्लाजा से धारचूला निवासी चार शातिर वन्यजीव तस्करों कृष्ण कुमार, गजेंद्रसिंह, संजय कुमार और हरीश कुमार को बाघ की खाल और उसकी 15 किलो हड्डी के साथ गिरफ्तार किया।
मांगी गुर्जर ने दिया था चकमा, धरा गया
रुद्रपुर। शिकारी अर्जुन से पूछताछ से मिले इनपुट के आधार पर एसटीएफ और वन विभाग की संयुक्त टीम ने हरिद्वार से मांगी गुर्जर को पूछताछ के लिए उठाया था। मंगलवार को सात घंटे तक एसटीएफ और वन विभाग की टीम ने मांगी से पूछताछ की थी लेकिन वह टीम को चकमा देने में कामयाब रहा था। करीब सात घंटे पूछताछ के बाद जब उसकी लिप्तता की पुष्टि नहीं हुई तो वन विभाग ने उसको परिजनों के सुपुर्द कर दिया था। बुधवार को मांगी की लिप्तता के बारे में अहम जानकारियां मिली थी और शमशाद का नाम भी सामने आया था। इसके बाद वन विभाग की टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। संवाद
बावरिया गिरोह से संपर्क भी खंगाले जा रहे
रुद्रपुर। बाघ के शिकार में शामिल मुख्य आरोपी अर्जुन उर्फ कौआ के बावरिया गिरोह से संपर्क सामने आ रहे हैं। देश के बड़े वन्यजीव तस्करों में शामिल तोताराम बावरिया के बेटे हरद्वारी लाल से अर्जुन के संपर्क रहे हैं। पिछले साल लक्सर में तीन अन्य साथियों के साथ बाघों की खाल के साथ पकड़ा गया हरिद्वारी जेल में है। उसका पिता तोताराम के भी जेल में होना बताया जा रहा है। वन विभाग बावरिया गिरोह के कौआ और उसके साथियों से संपर्क की डोर को खंगाल रही है। संवाद
बाघ की खाल तस्करी में जेल गया था मांगी
रुद्रपुर। पिछले साल एसटीएफ ने लक्सर में चार वन्यजीव तस्करों को बाघ की दो खालों के साथ गिरफ्तार किया था। इसी मामले में बाद में मांगी गुर्जर की गिरफ्तारी भी की गई थी। मांगी गुर्जर सह आरोपी होने की वजह से दो महीने बाद ही जमानत पर बाहर आ गया था। माना जा रहा है कि उसके सहारे ही अर्जुन उर्फ कौआ ने जेल से बाहर मौजूद कुख्यात बावरिया गिरोह के सदस्यों से नजदीकियां बढ़ाई होंगी। फिलहाल वन विभाग की टीम हर कोण पर जांच को आगे बढ़ा रही है।