ऋषिकेश की कुमारी मुस्कान, नगर निगम के वाहन चालक नीरज कुमार की सुपुत्री, ने वेटलिफ्टिंग में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल कर न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र का मान बढ़ाया है। हाल ही में आयोजित वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में मुस्कान ने 50 किलोग्राम वर्ग में 100 किलोग्राम से अधिक वजन उठाकर स्वर्ण पदक प्राप्त किया।
सम्मान समारोह का आयोजन
इस उपलब्धि के सम्मान में नगर आयुक्त शैलेंद्र सिंह नेगी ने एक विशेष कार्यक्रम में कुमारी मुस्कान, उनके कोच अभिषेक कुमार और उनके पिता नीरज कुमार को सम्मानित किया। इस अवसर पर नगर आयुक्त ने मुस्कान को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं और उनके अनुकरणीय प्रदर्शन की सराहना की। उन्होंने कहा कि मुस्कान ने वेटलिफ्टिंग जैसे खेल में अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से एक उदाहरण प्रस्तुत किया है, जो अन्य बालिकाओं को भी प्रेरित करेगा।
मुस्कान का खेल सफर और प्रेरणा
कुमारी मुस्कान वर्तमान में हरिश्चंद्र गुप्ता कन्या इंटर कॉलेज, ऋषिकेश में कक्षा 11 की छात्रा हैं। उन्होंने वेटलिफ्टिंग जैसे चुनौतीपूर्ण खेल में कदम रखकर यह साबित किया है कि आत्मविश्वास और मेहनत से किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल की जा सकती है।
मुस्कान की इस सफलता ने ऋषिकेश क्षेत्र की बालिकाओं को खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया है। उनकी उपलब्धि समाज में बेटियों की क्षमता और योगदान का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
सम्मान समारोह में कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे, जिनमें स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के सुपुत्र, पूर्व वायु सेना अधिकारी एवं वरिष्ठ नागरिक देवेश्वर प्रसाद रतूड़ी, और नगर निगम ऋषिकेश के स्वच्छता चैंपियन श्री ओमप्रकाश गुप्ता शामिल थे। उन्होंने भी मुस्कान की उपलब्धियों को सराहा और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
बालिकाओं के लिए प्रेरणा स्रोत
कुमारी मुस्कान की इस उपलब्धि ने यह संदेश दिया है कि बालिकाएं किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकती हैं। उन्होंने यह साबित किया कि इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प के साथ सभी चुनौतियों को पार किया जा सकता है।
उनके पिता, नीरज कुमार, और कोच अभिषेक कुमार ने उनकी इस सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी मेहनत और मार्गदर्शन से मुस्कान ने वेटलिफ्टिंग के क्षेत्र में यह सफलता हासिल की।
कुमारी मुस्कान की यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार और विद्यालय के लिए गर्व का विषय है, बल्कि ऋषिकेश क्षेत्र के लिए भी गौरव का पल है। उनके स्वर्ण पदक ने यह साबित किया है कि छोटे शहरों के युवा भी अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।
ऋषिकेश के नगर निगम और स्थानीय समाज ने मुस्कान की इस उपलब्धि को सराहा और आशा व्यक्त की कि वह भविष्य में और भी बड़ी सफलताएं अर्जित करेंगी।