शारदेय नवरात्र के पहले दिन जिस तरह से रायपुर में एक महिला के साथ तीन पुरुषों द्वारा गैंगरेप हुआ वह प्रशासन को आईना है, यह कहना है उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी का। दसौनी ने कहा कि आज की स्थिति में उत्तराखंड महिला अपराधों से पूरी तरह से दहल चुका है। खास तौर पर अस्थाई राजधानी देहरादून जहां मंत्री संत्री और तमाम आला अधिकारी बैठते हैं वहां इस तरह की घटनाओं में निरंतर बढ़त होना बताता है कि उत्तराखंड राज्य की कानून व्यवस्था बेपटरी नहीं बल्कि वेंटीलेटर में पहुंच चुकी है ।
गरिमा ने कहा की सरकार और प्रशासन अपना काम ठीक ढंग से नहीं कर रहे है। दसोनी ने कहा कि एक ओर पुलिस के वरिष्ठतम अधिकारी जनता और विपक्ष से भरोसे की उम्मीद कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर एक के बाद एक दुष्कर्म की खबरों से प्रदेश की मातृशक्ति सहम सी गई है।
गरिमा ने कहा की आज उत्तराखंड में प्रचंड बहुमत और डबल इंजन की सरकार में महिलाओं के लिए एक बहुत ही असुरक्षित माहौल व्याप्त हो चुका है। पुलिस प्रशासन का कोई भी डर अपराधियों और दुष्कर्मियों में दिखाई नहीं पड़ रहा ।
दसौनी ने कहा कि पिछले एक महीने में महिला दुष्कर्म की जितनी वारदातें उत्तराखंड में हुई है उतनी 1 साल में भी नहीं हुआ करती थी, दसोनी ने कहा कि सरकार तो एक ही काम कर रही है कि हर अपराध का ठीकरा डेमोग्राफिक चेंज पर लाकर फोड़ दे रही है।
गरिमा ने कहा कि जो वर्तमान सरकार है उसे हर अपराध में धर्म खोजना होता हैं जिससे कि सामाजिक सौहार्द और ताना-बाना भी प्रभावित हो रहा है। दसोनी ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए। मेरा रेप वर्सेस तेरा रेप की राजनीति नहीं होनी चाहिए। दसोनी ने कहा कि अब बलात्कार और दुष्कर्म की घटनाएं भी आम बात हो गई है,गरिमा ने आशंका जताते हुए कहा की रायपुर में हुए पूरे प्रकरण पर कहीं ना कहीं जल्दबाजी और कोताही साफ दिख रही है, ऐसा ना हो के मामले को जल्दबाजी में रफा दफा कर दिया जाए और पीड़ित पक्ष न्याय से वंचित रह जाए।