प्रयागाराज: उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस और एसटीएफ की कार्रवाई जारी है। इसी के साथ पीडीए ने आरोपितों के मकान और अन्य ठिकानों को ध्वस्त करने की तैयारी शुरू कर दी है। आज सुबह जिला पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने पीडीए के अफसरों के साथ इस संबंध में बैठक की है।
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राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की शुक्रवार शाम जीटी रोड पर सनसनीखेज तरीके से हत्या के बाद पुलिस अतीक अहमद गिरोह के अपराधियों के साथ ही अब शरण दाताओं और मददगारों की भी धरपकड़ कर रही है। पुलिस ने अतीक अहमद के मोहल्ले चकिया से कई लोगों को पकड़ा है जिन्होंने गोली मारकर भागे शूटरों को शरण दी थी। कुछ लोग फरार हो गए हैं जिन्होंने शूटरों को अपने घर में ठहराया था।
एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार के आदेश पर प्रयागराज पुलिस ने अतीक अहमद गिरोह को संरक्षण और आर्थिक मदद करने वाले लोगों की नकेल कसनी शुरू की है। इसी सिलसिले में पुलिस ने बिरयानी रेस्टोरेंट संचालक नफीस को खुल्दाबाद में उसके घर से उठा लिया। उमेश पाल हत्याकांड में इस्तेमाल की गई सफेद क्रेटा कार नफीस की ही थी जिसे बताया जा रहा है कि उसने एक महिला को बेच दिया था। पुलिस नफीस की भूमिका की छानबीन कर रही है।
नफीस का नाम अटाला में एनआरसी विरोधी आंदोलन के समय भी सामने आया था। तब पता चला था कि उसने आंदोलनकारियों को धरना प्रदर्शन के दौरान बिरयानी खिलाई और आर्थिक मदद भी की थी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नफीस के अलावा तमाम उन लोगों को कानून के दायरे में लाया जाएगा जो अतीक अहमद समेत अन्य अपराधियों और माफिया को किसी ना किसी तरह से सहायता पहुंचाते हैं और उनकी सरपरस्ती में अपना कारोबार चलाते हैं।