Operation Kalanemi: अब तक 60 से अधिक छद्म वेषधारी गिरफ्तार

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रिपोर्ट: आकाश

 

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ऑपरेशन कालनेमि के तहत अब तक 60 से अधिक छद्म वेषधारी गिरफ्तार हो चुके हैं। प्रदेश सरकार देवभूमि के देवत्व को बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध है। पवित्र सावन मास व चारधाम यात्रा के दौरान ऑपरेशन कालनेमि पूरी गहनता से जारी रहेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को आईआरडीटी ऑडिटोरियम में हिमालयन हेरिटेज सोसाइटी की ओर से आयोजित भगवती सुरकंडा मां दिव्य जागर विमोचन समारोह में यह विचार रखे। उन्होंने जागर गायक प्रीतम भरतवाण के सुरकंडा देवी पर जागर का विमोचन भी किया।

 

 

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि देवभूमि के मूल स्वरूप और अस्तित्व को बचाने के संकल्प पर वह अडिग हैं, यह प्रयास अनवरत जारी रहेगा। लैंड जिहाद और लव जिहाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। सीएम ने राजकीय सेवाओं के चयन में पारदर्शिता व विश्वनीयता पर बात करते हुए कहा कि अब राज्य में सरकारी सेवाओं में चयन का आधार केवल और केवल मेरिट, प्रतिभा व योग्यता है, इसलिये राजकीय सेवाओं में आने के इच्छुक युवा पूरे विश्वास एवं लगन से परीक्षाओं की तैयारी करें, उनका भविष्य उज्ज्वल है।

 

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जागरों के माध्यम से हमारे पूर्वजों ने प्रकृति, पर्वत, नदियों और देवशक्तियों के साथ संवाद स्थापित किया। हमारी ये जागर परंपरा वेद मंत्रों जितनी ही पावन है, जिसे केवल गाया ही नहीं जाता बल्कि अनुभव भी किया जाता है। जागर में शब्द नहीं बल्कि शक्ति होती है, प्रत्येक बोल, प्रत्येक ताल और ढोल की थाप में एक आध्यात्मिक शक्ति होती है, जो देवत्व को आमंत्रित करती है। इसलिए इस प्रकार के प्रयासों को प्रोत्साहन देना हम सभी का कर्तव्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण हेतु निरंतर प्रयास कर रही है।

 

 

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मां सुरकंडा देवी, हमारी लोक आस्था, संस्कृति और आध्यात्मिक परंपरा का प्रतीक हैं, उनके इतिहास, महिमा और गौरवशाली कथा को चलचित्रों के माध्यम से जीवंत रूप देने का जो अद्भुत कार्य हमारे प्रदेश के महान लोक गायक पद्म श्री प्रीतम भरतवाण जी ने किया है, वह अनुकरणीय है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रीतम भरतवाण का यह प्रयास न केवल मां सुरकंडा की महिमा को जन-जन तक पहुंचाएगा, बल्कि हमारी नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने में भी अहम भूमिका निभाएगा।

 

52 शक्तिपीठों में से एक मां सुरकंडा देवी का मंदिर लोगों की श्रद्धा और शक्ति का केंद्र है। सदियों से यहां पर लोकगाथाएं गाई जाती रही हैं, जागर गाए जाते रहे हैं। आज, जब इस अमूल्य धरोहर को संगीत, चलचित्र, और सांस्कृतिक शिल्प के माध्यम से संजोया गया है, तो यह प्रयास अत्यंत ही सराहनीय है।

 

मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि राज्य के लोग हमेशा अपनी जड़ों से जुड़े रहें और उत्तराखंड की लोक परंपराओं को जन-जन तक पहुंचाने में अपना योगदान सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति, परंपराएं और विरासत हमारी आत्मा का हिस्सा हैं। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, जागर गायक प्रीतम भारतवाण सहित बड़ी संख्या में दर्शक मौजूद रहे

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