देहरादून। जहां एक तरफ प्रदेश के युवा और तेजस्वी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भ्रष्टाचार पर लगातार प्रहार कर रहे है और बीजेपी की जीरो टोलरेंस की सरकार चलाने के लिए अपना पूरा दम लगाए हुए है वही दूसरी तरफ एमडीडीए के कुछ अधिकारी पलीता लगाने में जुटे है। सरकार ने जनता की शिकायत के लिए सीएम हेल्पलाइन जारी की हुई है। अब भ्रष्टाचार की मिली भगत देखिए, सीएम हेल्पलाइन में जिस एई प्रशांत सेमवाल की कई शिकायते की गयी। विभाग ने उसी अधिकारी को जांच सौंप दी। नतीजा आरोपी बने जांच अधिकारी ने जांच को बंद कर इतिश्री कर ली।
प्रदेश की राजधानी में गलत तरीके से नियमों को ताक पर रख कर प्राधिकरण द्वारा धड़ल्ले से एक के बाद एक नक्शे पास कर दी गए। मामले पकड़ने में आने के बाद विभाग ने नक्शे पास करने वाले अधिकारी को जिम्मेदारी से हटा दिया गया। भ्रष्टाचार में डूबे साहब, दूसरी जिम्मेदारी मिलने पर वहां भी गोलमाल करने में जुटे है। पहुंच इतनी कि शिकायत के बाद भी विभाग के उच्चाधिकारी कार्रवाई करने से बच रहे है।
क्या है मामला
बता दे की एमडीडीए के सहायक अभियंता प्रशांत सेमवाल द्वारा विकासनगर रोड पर कुंदन लाल का C- 0097/22-23 एक व्यावसायिक मानचित्र पास किया गया था।जिसमें प्रशांत सेमवाल के द्वारा सेटबैक एरिया में लिफ्ट बनवा दिया गया जबकि विभाग के नियम यह कहते हैं कि सेटबैक को खुला छोड़ जाता है सभी नियमों को ताक पर रखकर प्रशांत सेमवाल ने बड़ा खेल कर दिया और फाइल पास कर दी। यहां बता दे कि सहायक अभियंता प्रशांत सेमवाल का यह कोई पहला मामला नही है। सूत्रों की मानें तो इनके द्वारा करीब 50 से ज्यादा नक्शे पास किए गए है। भ्रष्टाचार में डूबे सेमवाल ने नियमों को ताक पर रखकर एक एक कर सभी नक्शे पास कर दिए। शिकायत कर्ता का कहना है कि अगर उच्चाधिकारी द्वारा जांच की गई तो भ्रष्टाचार की परतें खुलती जाएगी।
क्या है नियम
बॉयोलॉज में प्लांट की गहराई ज्यादा होने पर नोटीशनल प्लॉट एरिया अर्थात 1:3.50 का रेशियों छोड़ना होता है। लेकिन इसको अनदेखा कर गलत तरीके से नक्शा पास कर दिया गया। जब पोल खुली तो स्थानीय लोगों द्वारा एमडीडीए के साथ सीएम पोर्टल पर शिकायत की गई। शिकायत के बाद एमडीडीए के जिम्मेदार अफसर कार्रवाई के बजाए मामले को दबाने में जुट गए। एमडीडीए के अफसरों ने विपुल पांडेय द्वारा सीएम पोर्टल पर की गई शिकायत का सही निस्तारण व मामले में कार्रवाई के बजाए मैनेज कर लिया। शिकायतकर्ता को गोलमोल जवाब भेज दिया।
मजेदार बात यह है कि इस घपले की सीएम पोर्टल पर की गई शिकायत के निस्तारण के लिए उस अधिकारी(प्रशांत सेमवाल) को नामित किया जिस पर गलत तरीके से नक्शा पास करने का आरोप है। शिकायतकर्ता का कहना है कि जब तक शिकायत की जांच उच्च अधिकारी से नही कराई जाती मामले की सच्चाई सामने नही आएगी। साथ ही एमडीडीए में चल रहा भ्रष्टाचार पर भी अंकुश नही लगेगा। शिकायतकर्ता का कहना है कि एमडीडीए में इस तरह के घपलेबाजी का यह केवल एक मामला नही है। अगर ढंग से दूसरे विभाग को जांच सौंपी जाए तो अनगिनत मामले सामने आएंगे।
तमाम शिकायतों के बाद भी एमडीडीए क्षेत्र में अवैध प्लाटिंग का धंधा जारी है। एमडीडीए द्वारा अवैध प्लाटिंग माफियाओं पर कार्रवाई नही करने का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। जिससे लोग ठगे जा रहे है। सूत्रों की मानें तो एमडीडीए में कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के चलते विभाग की बदनामी हो रही है। अवैध प्लाटिंग पकड़ में आने के बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का नियम है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी कागजों में अवैध प्लाटिंग का ध्वस्तीकरण दिखा रहे है। जिससे भूमाफियाओं के हौसले बुलंद है।