देहरादून:- भाजपा ने स्वयंसेवी संस्थाओं एवं अनुपूरक पोषाहार योजना को लेकर कांग्रेस पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है। उत्तराखंड मे महिला उत्थान के लिए चलायी जा रही अनेक योजनाएं बेमिशाल है और धामी सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रदेश मीडिया प्रभारी श्री मनवीर चौहान ने कहा कि योजना मे न अभी किसी एजेंसी को काम दिया गया है और न ही किसी का रोजगार छीना जा रहा हैं। केंद्र सरकार एवं न्यायलय के निर्देशानुसार ही बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापरक प्रोसेस्ड भोजन दिया जाना है, जिसके लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।
पार्टी मुख्यालय में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर इस पूरे मुद्दे को लेकर भ्रामक वातावरण तैयार करने का आरोप लगाया। साथ ही स्पष्ट किया कि राज्य सरकार बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर है। इसी के तहत भारत सरकार की गाइडलाइन और न्यायालय के निर्देशानुशार निर्धारित गुणवत्ता के साथ प्रोसेस्ड फूड दिया जाना है। लेकिन विगत कुछ दिनों से विपक्ष द्वारा भ्रामक तथ्य परोसे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह आरोप पूरी तरह निराधार एवं असत्य है कि इस कार्य की टैण्डर प्रकिया से 40000 से अधिक महिलाओ पर स्वरोजगार का संकट है या तीन केन्द्रीय संस्थानो मे से एक संस्थान पर विचार किया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य मे भारत सरकार के निर्देशानुसार अनुपूरक पोषाहार की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी अनिवार्य है जिसमे स्पष्ट निर्देश है कि पोषाहार माइक्रोन्यूट्रिएंट फोर्टीफाईड एनर्जी डेन्स फूड के रुप में दिया जाना होगा। जिसमें अनुपूरक पोषहार तैयार करने में गेहू आधारित कार्यकम के अन्तर्गत उपलब्ध करवाये जाने वाले गेहूँ एवं चावल का उपयोग किया जाना अनिवार्य है अर्थात इस खाद्यान में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध अन्य खाद्यान को सम्मिलित करते हेतु निर्धारित रेसपी तैयार की जायेगी जो प्रोशेस्ड फूड के रुप में होगी। वहीं इस संबंध में उच्चततम न्यायालय के निर्देश हैं कि निर्धारित रेसपी आटोमेटिक मशीन से तैयार की जायेगी जिससे खाद्यन संकमित न हो सके। जो किसी तकनीकी संस्था के माध्यम से ही सुनिश्चित किया जा सकता है और उसमे केन्द्रीय ऐजेन्सी के चयन पर विचार किया जा रहा है।
वहीं वर्तमान अनुपूरक पोषाहार की व्यवस्था में कोई एसएचजी समूह कार्यरत नहीं है इसलिए किसी के स्वरोजगार को छीनने का प्रश्न ही नहीं है। पूर्व प्रचलित टीएचआर की व्यवस्था में पूरे राज्य में लगभग 188 स्वयं सहायता समूह ही माता समितियो के माध्यम से टीएचआर की आपूर्ति कर रहे थे वह मात्र कुछ जनपदो तक ही सीमित थे। अधिकतर जनपदों में माता समिति ही खाद्यान की आपूर्ति कर रही थी। इसलिए यह पूर्णतया असत्य व निराधार है कि 40000 महिलाओ का रोजगार छीना जा रहा है। पूर्व मे जो समूह कार्य कर रहे थे वह भी खाद्यान्न सामग्री बाजार से ही क्रय कर रहे थे जिससे निर्धारित धनराशि मे भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रोटीन एवं कैलोरी लाभार्थियों को नही मिल रहा था। कोई भी समूह पोषाहार उत्पादन प्रकिया में सम्मिलित नहीं था।
उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारी सरकार का महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के पोषण एवं स्वास्थ्य के लिये समर्पित है। जिसका पहला उद्देश्य उनके पोषण एवं स्वास्थ की चिंता करना है। हम चाहते हैं कि राज्य के लगभग 7.50 लाख लाभार्थियों को निर्धारित मानक अनुसार पोषाहार उपलब्ध करवाया जाए । ताकि कुपोषण एवं एनीमिया जैसी समस्याओ से राज्य को मुक्ति दिलाई जा सके।
साथ ही उन्होंने बताया कि राज्य द्वारा प्रस्तावित प्रक्रिया से बहुत लाभ प्राप्त होंगे। जैसे लाभार्थियो को सुरुचिपूर्ण एवं निर्धारित मानक के अनूसार पोषाहर उपलब्ध होगा। पोषाहार की सामग्री तैयार करने मे स्थानीय खाद्यान्न का उपयोग होगा, जिसका लाभ यहां के स्थानीय किसानों को भी मिलेगा। विभिन्न प्रकार की सामग्री, मौसम के अनुसार बदल-बदल कर दी जायेगी। वर्तमान मे निर्धारित धनराशि के अन्तर्गत निर्धारित प्रोटीन एवं कैलोरी उपलब्ध करवाया जाना असम्भव हो रहा है इसकी प्रतिपूर्ति होगी। चयनित एजेन्सी राज्य मे निर्माण यूनिट भी स्थापित करेगी जिससे उत्तराखण्ड के
योजना से बेरोजगारों हेतु रोजगार का भी सृजन होगा । वहीं बजट उपलब्ध न होने पर भी भारत सरकार की संस्था के माध्यम से अनुपूरक पोषाहार की आपूर्ति अबाध्य रूप से जारी रहेगी। भारत सरकार की संस्था के माध्यम से अनुपूरक पोषाहार की आपूर्ति होने पर उच्च स्तरीय अनुश्रवण सुनिश्चित करते हुए पोषाहार की गुणवत्ता का स्तर ऊँचा रखा जाना सुलभ होगा। भारत सरकार के निर्देशानुसार पोषाहार की लैब टेस्टिंग नियमित रूप से सुनिश्चित होगी ताकि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का शत-प्रतिशत अनुपालन हो सके।
उन्होंने तंज किया कि हमेशा अपने अपने बेटे बेटियों को आगे बढ़ाने की चिंता करने वाली कांग्रेस के लिए राज्य की लाखों माताओं और बच्चों के स्वास्थ्य की चिंता करने की उम्मीद करना बेमानी है। प्रदेशवासी भी कांग्रेस पार्टी के भ्रम और झूठ की नकारात्मक राजनीति से अच्छी तरह वाकिफ हैं । लिहाजा विपक्ष को भी राज्यहित में दलगत राजनीति से ऊपर उठते हुए प्रत्येक नई प्रक्रिया को संदेह के चश्मे से नही देखना चाहिए। राज्य मे महिला उत्थान के लिए सरकारी सेवाओं मे नियुक्ति के लिए महिलाओं को क्षेतिज आरक्षण, लखपति दीदी योजना, बिना ब्याज ऋण सहित मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के इतर भी कई योजनाएं संचालित हो रही है। मातृ शक्ति अब आत्म निर्भर हो रही है और विपक्ष इस सच को स्वीकार नही कर पा रहा है।