अवैध निर्माण पर एमडीडीए की चुप्पी सवालों के घेरे में: कार्रवाई कब?

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देहरादून।
बंशीवाला स्थित जैमिनी पैकटेक प्रा. लि. द्वारा निर्माणाधीन 08 मंजिला आवासीय परियोजना “ओकवुड अपार्टमेंट्स” में अवैध निर्माण के आरोप सामने आए हैं। यह आरोप लग रहे हैं कि मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के अभियंता अभिषेक भारद्वाज और अन्य अधिकारियों की मिलीभगत के कारण यह निर्माण बिना मानकों के जारी है।


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मुख्य आरोप और अनियमितताएं

  1. मार्ग की चौड़ाई में हेरफेर:
    • बिल्डर ने 7.5 और 9 मीटर चौड़े मार्गों को 12 मीटर दिखाकर नक्शा पास कराया।
    • यह स्पष्ट तौर पर नियमों का उल्लंघन है।
  2. अवैध निर्माण पर अधिकारी मौन:
    • सेक्टर के एई अभिषेक भारद्वाज पर आरोप है कि उनके क्षेत्र में अवैध निर्माण धड़ल्ले से हो रहा है और उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।
    • मनोज जोशी (सुनवाई अधिकारी) पर भी साठगांठ के आरोप लगाए गए हैं।
  3. दोहरे मापदंड:
    • जहां गरीबों के छोटे आशियाने तोड़ने के लिए प्रशासन तुरंत सक्रिय हो जाता है, वहीं इस बड़े निर्माण पर एमडीडीए की चुप्पी से सवाल उठ रहे हैं।
  4. ग्रीन एरिया और मानकों का उल्लंघन:
    • आरोप है कि बिल्डर ने ग्रीन बेल्ट की भूमि पर अतिक्रमण कर पार्किंग का निर्माण किया।
    • जांच के दौरान, ग्रीन एरिया में खोदाई करते हुए काम रोकने की कोशिश की गई थी, लेकिन निर्माण फिर भी जारी है।

एमडीडीए जांच और मौजूदा स्थिति

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  1. एमडीडीए की कमेटी की जांच रिपोर्ट:
    • एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी के निर्देश पर दो सहायक अभियंता और दो अवर अभियंताओं की कमेटी गठित की गई थी।
    • रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि बिल्डर ने मिथ्या तथ्यों के आधार पर नक्शा पास कराया
  2. अधिकारियों की भूमिका पर सवाल:
    • नक्शा पास करने वाले अभियंता ने स्वीकार किया कि उन्होंने आपत्ति दर्ज कराई थी, लेकिन उच्च अधिकारियों के दबाव में नक्शा पास करना पड़ा।
  3. एमडीडीए की कार्रवाई में देरी:
    • रिपोर्ट आने के बावजूद अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
    • अवैध निर्माण बदस्तूर जारी है।

प्रभाव और परिणाम

  • स्थानीय निवासियों की शिकायतें:
    • परियोजना से जुड़े मार्गों और ग्रीन एरिया में दखल पर विला रेजिडेंट्स वेलफेयर सोसाइटी ने आपत्ति दर्ज कराई है।
    • निवासियों का कहना है कि बिल्डर की मनमानी से उनकी सुविधाओं और पर्यावरण पर बुरा असर पड़ रहा है।
  • भविष्य की चिंता:
    • अवैध निर्माण के कारण आवासीय सुरक्षा, यातायात, और पर्यावरणीय संतुलन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

प्रशासन से सवाल

  1. क्या एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी बिल्डर और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे?
  2. मिथ्या तथ्यों पर पास किए गए नक्शे को रद्द करने की प्रक्रिया कब शुरू होगी?
  3. ग्रीन एरिया और ग्रीन बेल्ट पर अतिक्रमण के लिए जिम्मेदार लोगों पर क्या कानूनी कार्रवाई होगी?
  4. क्या भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए एमडीडीए की निगरानी प्रक्रिया में बदलाव होगा?

यह मामला प्रशासन और बिल्डरों के बीच संभव गठजोड़ का एक उदाहरण है।

  • एमडीडीए को अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए इस मामले पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
  • यदि इस अवैध निर्माण को समय रहते नहीं रोका गया, तो यह स्थानीय निवासियों के अधिकारों और पर्यावरण पर गंभीर असर डाल सकता है।
  • लोक प्रशासन की पारदर्शिता और जिम्मेदारी को सुनिश्चित करने के लिए उच्च स्तर पर जांच और कार्रवाई की जरूरत है।

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