देहरादून, जो प्राकृतिक सुंदरता और स्मार्ट सिटी की ओर अग्रसर विकास योजनाओं के लिए पहचाना जाता है, आज एक विवादास्पद स्थिति में फंस गया है। मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (MDDA) के अभियंताओं की लापरवाही और छुपाए गए झूठ ने एक बार फिर शहरी नियोजन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जानकारी के लिए आपको बता दे की सबसे पहले प्लाटिंग के लेआउट का नक्शा स्वीकृत किया गया जिसमें की आंतरिक मार्ग 7.5 मीटर और 9 मीटर के थे और ग्रुप हाउसिंग का प्लॉट भविष्य के लिए खाली छोड़ गया परंतु बिल्डर को प्रॉब्लम तब हुई जब 2022 में एक भवन उपनिधि में बदलाव आए और 9 मीटर से 12 मीटर की रोड पर सिर्फ चार मंजिला इमारत बनाने की स्वीकृति थी | लेकिन कुछ अभियंताओं ने खेल करते हुए 9मीटर रोड को ही 12 मीटर का रोड दिखा दिया जो की मौके पर भी 9 मीटर थी और लेआउट के अप्रूवल में भी 9 मी ही था उसको 12मीटर दिखाते हुए प्रोजेक्ट पास कर दिया गया जब वहां के निवासियों को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने विरोध किया और विरोध के बाद काम को रोक दिया गया था उसके बाद अभियंताओं के द्वारा नए-नए तरीके ढूंढे जाने लगे जिससे कि बिल्डर को फायदा पहुंचाया जाए एक नया प्रावधान लाया गया जिसमें यह बताया गया की नक्शा स्वीकृत हो चुका है लेकिन मजे की बात यह थी कि प्रावधान में भी दो मार्ग 9 मीटर का होना चाहिए था तो लेकिन एक ही मार्ग सिर्फ 9 मीटर था दूसरा 7.5 मीटर इसलिए बायोलॉज का फायदा नहीं पहुंचा जा सकता था पर अपने पूर्व में किए गए गलत कार्यों को छुपाने के लिए और बिल्डर को फायदा पहुंचाने के लिए दोबारा 8 मंजिला नक्शा पास कर दिया गया
मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (MDDA) की भूमिका
एमडीडीए का मुख्य उद्देश्य शहर के सुनियोजित विकास को सुनिश्चित करना है। इसमें भवन निर्माण, सड़कों का नियोजन, जल निकासी व्यवस्था और सार्वजनिक सुरक्षा जैसे विषय शामिल हैं। इसके अंतर्गत सभी निर्माण कार्यों को पहले स्वीकृति प्राप्त करनी होती है, जो निर्धारित भवन उपनियमों और क्षेत्रीय विकास योजनाओं के अनुरूप होनी चाहिए।
नक्शा पास करने में अनियमितता की शुरुआत
परियोजना से जुड़े दस्तावेजों की पड़ताल करने पर यह सामने आया कि जेमिनी पैकटेक प्राइवेट लिमिटेड ने झूठे दस्तावेज़ों के माध्यम से निर्माण की अनुमति प्राप्त की। जिन नक्शों में स्पष्ट रूप से 9 मीटर सड़क दिखानी थी, वहाँ 12 मीटर दर्शा दिया गया था बाद में उस नक्शे के आधार पर काम को रोक दिया गया था
जेमिनी पैकटेक प्राइवेट लिमिटेड परियोजना का विवाद
सेरेन ग्रीन कॉलोनी के निवासियों की आपत्तियाँ
जब स्थानीय निवासियों ने देखा कि संकरी गली में एक विशालकाय इमारत बन रही है, तो उन्होंने तुरंत MDDA में शिकायत दर्ज करवाई। उनका तर्क था कि यह निर्माण न केवल उनके जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करेगा, बल्कि आपदा की स्थिति में एक बड़ा जोखिम बन सकता है।
निर्माण के संभावित खतरे
• आग लगने की स्थिति में फायर ब्रिगेड की पहुंच असंभव
• गाड़ियों के आवागमन में भारी बाधा
• ध्वनि प्रदूषण और धूल से स्वास्थ्य पर असर
• निजता में हस्तक्षेप और अंधेरा
नियोजन और भवन उपनियमों में बदलाव
2022 में भवन उपनियमों में हुए बदलाव के अनुसार, अब 12 मीटर सड़क पर ही आठ मंजिला भवन बनाने की अनुमति थी। यही बदलाव इस पूरे विवाद का केंद्रबिंदु बन गया।
प्रशासन की चुप्पी और जवाबदेही का अभाव
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस गंभीर लापरवाही के बावजूद न तो किसी अभियंता पर कोई कार्रवाई हुई, और न ही नक्शा रद्द किया गया।
नियमों की अनदेखी या मिलीभगत?
सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ लापरवाही थी, या फिर बिल्डर और अधिकारियों की मिलीभगत का नतीजा?