रिपोर्ट: सरफराज आलम
बहराइच के ब्लाक तेजवापुर के ग्राम दुलमह एक 66 वर्षीय बुजुर्ग विधवा ब्राह्मण महिला शांतिदेवी मिश्र अभाव का जीवन यापन कर रही है| आपको बताते चलें शांति देवी के दो बच्चे थे एक बेटी और एक बेटा उन्होंने अपने दोनों बेटी व बेटे की शादी कर दी|
पिता की मौत के बाद बेटे ने मुंह फेर लिया और मां खुद कमाने बनाने व खाने को लेकर मजबूर हो गई| एक टूट कर शांति देवी अपना जीवन यापन कर रही है| पति की मौत के बाद अब वह अकेले रहने पर मजबूर हैं| उनकी झोपड़ी झुग्गी की स्थिति उनका रहन-सहन वहां उनकी झोपड़ी में बना चूल्हा साफ गवाही दे रहा है कि किस तरह से एक बुजुर्ग का जीवन कट रहा है|
शांति देवी ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री आवास के लिए कई बार अधिकारियों के दर के चक्कर काटते हैं, लेकिन उनका नाम आवास से काट दिया गया| उन्होंने बताया वह खुद कमाती है और खुद खाती हैं| वह मेहनत मजदूरी करके अपने दो रोटी के पैसे ही जमा कर पाती हैं|
उनका आरोप है कि प्रधानमंत्री आवास के नाम पर उनसे पैसा मांगा जा रहा है| जो कि उनके पास नहीं है अब देखना यह होगा कि इस तरह की प्रशासन किस तरह हरकत में आता है और इस बुजुर्ग महिला को कितना इंसाफ मिल पाता है या फिर सरकारी प्रधानमंत्री आवास का सपना सिर्फ माननीयों के करीबियों के लिए बनकर रह जाता है|