काउंसलिंग प्रोग्राम में कुमाऊं कमिश्नर और आईजी निलेश आनन्द भरणे ने प्रतियोगी परीक्षार्थियों को दिए टिप्स
उत्तराखंड \ हल्द्वानी में नकल विरोधी कानून बनने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों का भरोसा वापस लाने के लिए हल्द्वानी के एमबीपीजी कॉलेज में एक काउंसलिंग प्रोग्राम आयोजित किया गया। जिसमें कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत और आईजी निलेश आनन्द भरणे ने बच्चों को टिप्स दिये।
इस दौरान बच्चों ने UPSC की तैयारी के संबंध में दोनों IPS और IAS अधिकारियों से सवाल भी पूछे। जिनके जबाब में दोनों अधिकारियों ने अपने कैरियर के तमाम अनुभव साझा किये। UPSC की तैयारी कैसे और कब करनी है। एक बेहतर IAS और IPS अधिकारियों को जनता के बीच में कैसे काम करना होता है। इन प्रश्नों को लेकर बच्चों और IAS-IPS के बीच खूब संवाद हुआ।
काउंसलिंग के बाद कुमाऊं कमिश्नर IAS दीपक रावत ने कहा की मोटे तौर पर बच्चों को पढ़ाई लिखाई से जुड़ी जानकारियां दी गई और अपने अनुभव को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि इस बात की खुशी है कि कई बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे हुए हैं और जिनका कॉन्फिडेंस लेवल भी बहुत अच्छा है।
वहीं आईजी कुमाऊं निलेश आनंद भरने ने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य है। जहां कड़ा नकल विरोधी कानून लाया गया है, और बच्चे आश्वस्त रहें कि कोई भी परीक्षा नकल विहीन और पारदर्शी तरीके से कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि काउंसलिंग में बच्चे को इस बात की भी टिप्स दिए गए हैं, कि प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कैसे करनी है और वही आसान तरीके से प्रतियोगी परीक्षा में कैसे सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
प्रतियोगी परीक्षाओं की परीक्षा की तैयारी कर रहे बच्चे ने भी काउंसलिंग प्रोग्राम को खूब सराहा। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों के जरिए बच्चों को मोटिवेशन मिलता है। खासकर उन चीजों के बारे में बारीकी से जानकारी मिल जाती है जो अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं के लिहाज से बच्चों को पता नहीं होत।