राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बुधवार को राजभवन में ’’धाद’’ संस्था द्वारा आयोजित इगास पर्व में प्रतिभाग किया। धाद संस्था पिछले चार दशकों से उत्तराखण्ड हिमालय की भाषा, संस्कृति, साहित्य और सामाजिक कार्यों के लिए समर्पित है। संस्था के ’पुनरुत्थान‘ कार्यक्रम के अंतर्गत आपदाओं से प्रभावित बच्चों की शिक्षा में सहायता की जाती है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत आम लोग उन बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी लेते हैं, जिन्होंने आपदाओं के कारण अपने परिजनों को खो दिया है। पिछले 11 वर्षों में धाद संस्था 200 से अधिक बच्चों की शिक्षा में योगदान कर चुकी है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि अपनी संस्कृति को जीवित रखने के लिए अपने पारंपरिक पर्वों को जीवंत रखना जरूरी है। हमें अपनी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए हर लोक पर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेकर उत्साह से मनाना चाहिए। और साथ ही अपनी परंपरा और संस्कृति से अपने बच्चों को भी जरूर अवगत कराना चाहिए। लोक पर्व एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत सामाजिक जीवन में जीवंतता प्रदान करने का कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि लोक पर्व इगास को अपने गांवों में धूम-धाम से मनाने की इस पहल से हम उत्तराखण्ड के लोग अपनी जड़ों से जुड़ेंगे।
राज्यपाल ने उत्तराखण्ड के आपदा प्रभावित बच्चों के शैक्षिक पुनरुत्थान के लिए किए जा रहे प्रयासों के लिए संस्था की सराहना की। इस अवसर पर राज्यपाल ने कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों से आत्मीय संवाद किया। उन्होंने बच्चों को जीवन में बड़े सपने देखने और ऊंचे लक्ष्य निर्धारित करने के लिए प्रेरित किया। राज्यपाल ने कहा कि कठिन परिश्रम और दृढ़ संकल्प से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। उन्होंने सभी बच्चों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिया।
कार्यक्रम में संस्था के केंद्रीय अध्यक्ष लोकेश नवानी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डी. सी. भट्ट, मुख्य संयोजक जगमोहन रावत सहित संस्था के पदाधिकारी, बच्चे और उनके परिजन मौजूद रहे।