मुंबई: उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक घनश्याम दुबे का सोमवार को मुंबई के लीलावती अस्पताल में निधन हो गया। लंबे समय से बीमार चल रहे घनश्याम दुबे का यहां इलाज चल रहा था। उनके निधन से राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में शोक की लहर है।
एक सशक्त राजनीतिक व्यक्तित्व
घनश्याम दुबे जी उत्तर प्रदेश के राजनीतिक जगत में एक सम्मानित नाम थे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने जनता के हित में कई महत्वपूर्ण कार्य किए और अपने क्षेत्र के विकास के लिए उल्लेखनीय योगदान दिया।
- वे हमेशा गरीबों और वंचितों की आवाज बनकर उनके अधिकारों की लड़ाई लड़ते रहे।
- अपने क्षेत्र में उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं के क्षेत्र में सुधार के लिए कई योजनाएं शुरू कीं।
लीलावती अस्पताल में ली आखिरी सांस
घनश्याम दुबे जी को पिछले कुछ समय से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।
- उन्हें मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां सोमवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।
- परिवार के करीबी सूत्रों के अनुसार, वे पिछले कुछ समय से फेफड़ों और हृदय संबंधी समस्याओं से पीड़ित थे।
घनश्याम दुबे जी के निधन पर राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र के कई गणमान्य व्यक्तियों ने शोक व्यक्त किया। दुबे जी के निधन को राजनीति और समाज की अपूरणीय क्षति बताया और कहा, “दुबे जी का जीवन समाज सेवा और जनता के कल्याण के लिए समर्पित था। उनकी सादगी और जनता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता हमेशा याद की जाएगी।”उनके क्षेत्र के लोग उनके निधन से गहरे शोक में हैं और उन्हें एक सज्जन और विनम्र नेता के रूप में याद कर रहे हैं।
अंतिम संस्कार
घनश्याम दुबे जी का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में किया जाएगा। उनके परिवार ने जानकारी दी कि अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कई राजनीतिक और सामाजिक हस्तियां पहुंचेंगी।
घनश्याम दुबे जी का निधन न केवल उनके परिवार बल्कि उनके क्षेत्र और पूरे राज्य के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने अपने जीवनकाल में जनता के कल्याण के लिए जो कार्य किए, वे हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहेंगे।
“ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार को इस कठिन समय में धैर्य दे।”