मुंबई हत्याकांड :महिला ने तीन जून को ही कर ली थी आत्महत्या; बचने के लिए शव ठिकाने लगाने की रची साजिश’, आरोपी का दावा
मुंबई:मुंबई के सरस्वती वैद्य हत्याकांड के आरोपी ने दावा किया है कि उसने महिला की हत्या नहीं की, बल्कि महिला ने पहले ही आत्महत्या कर ली थी। उसने पुलिस को बताया कि उसे डर था कि इसके लिए उसे ही जिम्मेदार ठहराया जाएगा। इस वजह से उसने शव को ठिकाने लगाने का षडयंत्र रचा। पूछताछ के दौरान पुलिस अधिकारियों ने जब यह बात सुनी तो वह भी अचंभित रह गए।
पुलिस पूछताछ में हुआ बड़ा खुलासा
वसई-विरार पुलिस ने बताया कि बीते दिन सरस्वती वैद्य की हत्या के आरोप में मनोज साने को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उसे मीरा-भायंदर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 16 जून तक की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। पूछताछ के दौरान आरोपी ने पुलिस को बताया कि सरस्वती वैद्य ने 3 जून को आत्महत्या कर ली थी। वह डर गया था कि उस पर उसकी हत्या का आरोप लगाया जाएगा, इसलिए उसने उसके शव को ठिकाने लगाने का फैसला किया। उसने पुलिस को बताया कि उसने सरस्वती के शव के टुकड़े किए और बदबू से बचने के लिए उन्हें प्रेशर कुकर में उबाला। उसने पुलिस को यह भी बताया कि उसने खुद भी आत्महत्या करने का फैसला किया था। उसे इसका कोई पछतावा भी नहीं है।
पुलिस को आरोपी के बयान पर भरोसा नहीं
पुलिस आरोपी के मृतक के खुदकुशी करने के दावे की सच्चाई का पता लगाने के लिए गंभीरता से जांच आगे बढ़ा रही है। घर से बरामद शव के टुकड़ों को पोस्टमॉर्टम के लिए जेजे अस्पताल भेज दिया गया है। पुलिस का कहना है कि उसे आरोपी के आत्महत्या के दावे पर संदेह है।
है पूरा मामला?
इससे पहले डीसीपी जयंत बाजबले ने गुरुवार को मामले के बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि स्थानीय पुलिस को फ्लैट से दुर्गंध आने की शिकायत मिली थी। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने जांच की। जांच में पता चला कि मनोज और सरस्वती यहां लिव-इन में रहते थे। पुलिस टीम जब जांच के लिए फ्लैट पहुंची तो मृतका के शरीर के टुकड़े बर्तन और बाल्टियों में पाए गए। आरोपी का नाम मनोज साने है, उसे कल रात को ही गिरफ्तार कर लिया गया था। यह भी पता चला था कि मनोज ने पेड़ काटने का कटर खरीदा था, जिससे वह महिला के टुकड़े करता और फिर वह उन्हें कूकर में उबाल कर प्लास्टिक के बैग में भर देता था।
पड़ोसी बोले- फ्लैट से आ रही थी मरे चूहे की तरह दुर्गंध
मामले में आरोपी के एक पड़ोसी ने बताया कि सरस्वती और मनोज कभी किसी त्योहार पर बाहर नहीं आते थे। मुझे तो उसका नाम भी नहीं पता था। हमें सोमवार से फ्लैट से चूहे के मरने जैसी बदबू आ रही थी। इसके बाद मैं बुधवार को जब उनके घर गया तो उन्होंने दरवाजा नहीं खोला। बाद में रूम फ्रेशनर का इस्तेमाल किया गया। बाद में उसे बैग लेकर बाहर निकलते हुए देखा। तब उसके शरीर से भी वैसी ही बदबू आ रही थी। इसके बाद हमे हमें शक हुआ।