मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (MDDA) द्वारा कथित रूप से सरकारी संरक्षण में बिल्डरों और अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध निर्माण के मामलों को अंजाम दिया जा रहा था। हाल ही में सामने आए बंशीवाला स्थित जैमिनी पैकटेक प्रा. लि. की 8 मंजिला आवासीय परियोजना से जुड़े मामले ने तूल पकड़ लिया है।
क्या है मामला?
बिल्डर ने अभियंताओं के साथ मिलीभगत कर झूठे तथ्यों के आधार पर नक्शा पास कराया। 7.5 और 9 मीटर चौड़े मार्गों को 12 मीटर का दिखाकर नक्शा स्वीकृत कराया गया। इस परियोजना में अवैध निर्माण कार्य तेजी से चल रहा था।
जिलाधिकारी का हस्तक्षेप
जिलाधिकारी सविन बंसल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एमडीडीए के उपाध्यक्ष (वीसी) को पत्र लिखकर इस परियोजना पर उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सूत्रों के अनुसार पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि जब तक मार्ग की वैधता सुनिश्चित नहीं हो जाती, तब तक निर्माण कार्य को पूरी तरह से रोक दिया जाए।
रेरा में शिकायत और मांग
मामले की शिकायत अब रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) को भी भेजी गई है। स्थानीय निवासियों और एक्टिविस्टों ने भवनों को सील करने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
बिल्डरों की बढ़ती मुश्किलें
मामले में जिलाधिकारी और प्राधिकरण की सक्रियता से बिल्डरों की परेशानियां बढ़ना तय है। साथ ही, इस अवैध निर्माण में लिप्त अधिकारियों पर भी गाज गिरने की संभावना है।
आगे की कार्रवाई
- निर्माणाधीन परियोजना को सील किया जा सकता है।
- मामले की उच्चस्तरीय जांच कर दोषी अधिकारियों और अभियंताओं पर कार्रवाई की जाएगी।
- भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त नियम लागू किए जा सकते हैं।
यह मामला शासन-प्रशासन और बिल्डरों के बीच चल रहे अवैध गठजोड़ का एक उदाहरण है। हालांकि, जिलाधिकारी के हस्तक्षेप और जनता की मांगों के चलते अब इस पर लगाम लगने की उम्मीद है। यह कार्रवाई एक मिसाल पेश कर सकती है कि कानून से ऊपर कोई नहीं।