मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पिछले दिनों हुई 10 हाथियों की मौत को लेकर 7 दिन बाद पहली जांच रिपोर्ट आ गई है. भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) बरेली की तरफ से जारी कई इस रिपोर्ट में बताया गया कि विसरा में माइक्रो टॉक्सिन साइक्लोपियाजोनिक एसिड मिला था. हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि हाथियों की मौत की स्पष्ट वजह अभी इसी को नहीं बताया गया है. इसलिए अभी इस मामले में और भी जांच होनी बाकि है, क्योंकि पीएमओं ने भी इस मामले में प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है.
आयवीआरआई की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि हाथियों ने जो कोदो के पौधे खाए थे, वह खराब थे. क्योंकि मृत हाथियों के विसरा विज्ञान प्रयोगशाला में भेजे गये थे, इसी विसरा में साइक्लोपियाजोनिक एसिड पाया गया है. रिपोर्ट के अनुसार यह भी पता चलता है कि हाथियों ने बड़ी मात्रा में खराब कोदो पौधे और अनाज खाये हैं, आयवीआरआई ने अपनी रिपोर्ट में आसपास के क्षेत्रों में ध्यान रखने के लिये एडवायजरी भी जारी की है, जिसमें ग्रामीणों में जागरूकता, खराब फसल में मवेशियों न चराने जैसे बिंदु दिये गये हैं.
जानकारों का कहना है कि साइक्लोपियाजोनिक एसिड कुछ पैथोजोनिक फंगस यानि की फफूंद होता है, जो पूरी तरह से खराब होता है. यही फंगस कोदो समेत कुछ फसलों की पत्तियों पर भी उग आता है, ऐसे में जब जानवर इसे खाते हैं तो उनका बीमार होना तय होता है. लेकिन हाथियों की मौत का यही कारण यह कह पाना तभी संभव होगा जब फाइनल रिपोर्ट आ जाएगी. वहीं 10 हाथियों की मौत को लेकर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में फिलहाल वन विभाग समेत दूसरे अधिकारी भी जांच में जुटे हैं.
वहीं इस मामले में केंद्र सरकार भी सख्त नजर आ रहा है. पीएमओं ने इस मामले में प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है. क्योंकि अचानक से हुई 10 हाथियों की मौत के बाद सब जगह हड़कंप मचा हुआ है. हर कोई यही जानने में लगा है कि आखिर हाथियों की मौत की वजह क्या है.