उत्तराखंड में आना हुआ महंगा अब ग्रीन सेस वसूलेगी सरकार

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रिपोर्ट: आकाश

 

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उत्तराखण्ड में अन्य राज्यों से प्रवेश करने वाले वाहनों से फास्टैग के माध्यम से ग्रीन सैस वसूली की तैयारी पूरी

 

 

उत्तराखण्ड में अन्य राज्यों से प्रवेश करने वाले वाहनों से फास्टैग के माध्यम से ग्रीन सैस वसूली की तैयारी पूरी

 

 

देहरादून, उत्तराखण्ड – अब उत्तराखण्ड राज्य में प्रवेश करने वाले अन्य राज्यों के वाहनों से फास्टैग के माध्यम से ग्रीन सैस (Green Cess) वसूला जाएगा।

 

राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और राजस्व सुदृढ़ीकरण की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

 

 

राज्य में पंजीकृत वाहनों से ग्रीन सैस की वसूली पूर्ववत जारी है। वहीं, अन्य राज्यों से आने वाले व्यवसायिक वाहनों से भी पहले से ही यह उपकर वसूला जा रहा है।

 

लेकिन वर्ष 2021 में राज्य के चेकपोस्ट बंद होने के बाद निजी श्रेणी के बाहरी वाहनों से ग्रीन सैस वसूली की प्रक्रिया बाधित हो गई थी। इस समस्या के समाधान के लिए अब एक तकनीकी उपाय अपनाया गया है।

 

 

राज्य सरकार ने श्रेणीवार ग्रीन सैस दरें तय की हैं, जो रु. 80 से लेकर रु. 700 तक होंगी। इसके लिए एएनपीआर (ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर) प्रणाली के माध्यम से फास्टैग इंटीग्रेशन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

 

इस कार्य के लिए ई-टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से सिस्टम इंटीग्रेटर का चयन कर लिया गया है, जो नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) और वाहन पोर्टल से समन्वय स्थापित कर रहा है।

 

 

सरकारी सूत्रों के अनुसार, आगामी एक माह में यह प्रणाली पूर्णतः लागू कर दी जाएगी, जिसके बाद उत्तराखण्ड में प्रवेश करने वाले हर बाहरी वाहन से स्वतः ग्रीन सैस वसूला जाएगा।

 

यह कदम न केवल पर्यावरण के लिए सहायक सिद्ध होगा, बल्कि राज्य के राजस्व में भी वृद्धि करेगा।

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